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India Daily

Maharashtra: परभणी में अंबेडकर की मूर्ति के अपमान से भड़की हिंसा, जमकर हुई पत्थरबाजी, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले

महाराष्ट्र के परभणी जिले में संविधान के कथित अपमान को लेकर पैदा हुआ तनाव अभी भी ज्यों का त्यों बना हुआ है. यह घटना राज्य में संविधान की गरिमा और सामाजिक सौहार्द को लेकर नए सवाल खड़े करती है. हालांकि, पुलिस और प्रशासन की कोशिश है कि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके और शांति कायम रहे.

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Edited By: Mayank Tiwari
महाराष्ट्र के परभणी में भड़की हिंसा
Courtesy: x@ians_india

महाराष्ट्र के परभणी जिले में हाल ही में संविधान के कथित अपमान को लेकर तनाव बढ़ गया है. इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदायों के बीच तनाव को बढ़ाया, बल्कि इसे लेकर राजनीतिक हलकों में भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. बताया जा रहा है कि कुछ व्यक्तियों ने संविधान के प्रति असम्मानजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई शुरू हो गई.

इस दौरान परभणी में संविधान के कथित अपमान की कोशिश के बाद क्षेत्र में तनाव के हालात पैदा हो गए है. इस मामले में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार भी कर लिया है. इस बीच परभणी के विधायक डॉ. राहुल पाटिल ने शहर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की है.विधायक राहुल पाटिल ने कहा, "दोषियों पर सख़्त कार्रवाई की जाएगी. लेकिन मैं सभी समुदाय के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं."

जानिए क्या है पूरा मामला?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, परभणी में कलेक्टरेट ऑफ़िस के पास स्थित बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा के सामने संविधान की प्रतिकृति स्थापित की गई थी. हालांकि, मंगलवार (10 दिसंबर) की शाम एक शख्स ने संविधान की प्रतिकृति की सुरक्षा में लगाए गए कांच के घेरे को तोड़ दिया. इसके बाद ही शहर में तनाव का माहौल है.

परभणी के कलेक्टर ने लोगों से शांति बरतने की अपील की

इस दौरान परभणी के कलेक्टर रघुनाथ गावड़े के अनुसार कांच तोड़ने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है. वहीं, कलेक्टर रघुनाथ गावड़े ने भी लोगों से शांत रहने और कानून हाथ में ना लेने की अपील की है. इस घटना के बाद पथरी और जिंटुर ज़िलों में भी तनाव की स्थिति बन गई. कई जगहों पर प्रदर्शन हुए और कुछ जगहों पर लोगों ने टायर जलाकर विरोध जताया. कुछ स्थानों पर ट्रेनों में भी तोड़फोड़ हुई है. प्रदर्शनकारियों ने आरोपी पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. कलेक्टर ने कहा है कि फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं.

इलाके में भारी पुलिस फोर्स तैनात

इस हिंसा के बाद शहर के संवेदनशील इलाकों में भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है. फिलहाल, जिला प्रशासन ने हालात को नियंत्रित करने के लिए दंगा नियंत्रण पुलिस और एसआरपीएफ की तैनाती भी की गई है. पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की.

प्रदर्शनकारियों की प्रशासन से क्या है मांग?

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि संविधान का अपमान करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. उन्होंने दोषियों को फांसी की मांग की है. इस दौरान हिंसक भीड़ ने बसमत रोड और खानापुर फाटा पर आगजनी कर गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया। स्टेशन रोड, गांधी पार्क, और शिवाजी चौक जैसे प्रमुख इलाकों में भी पथराव और आगजनी की घटनाएं दर्ज की गई हैं. दुकानें और उनके बाहर लगे साइनबोर्ड, साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिए गए.