Maharashtra Politics: लोकसभा चुनाव के बाद अब पहला सत्र शुरू होने वाला है. यहां लोकसभा स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष को लेकर सियासी कयास लग रहे हैं. इस बीच सभी दल अब विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में एक्टिव हो रहे हैं. ऐसे में मानसून सत्र से पहले महाराष्ट्र में सियासी पारा चढ़ गया है. शरद पवार के गुट वाली NCP के एक नेता ने दावा किया है कि अजित पवार के कई नेता उनके खेमे में आ जाएंगे. हालांकि, ये मानसून सत्र के बाद होगा.
अभी से ठीक एक साल पहले जुलाई में अजित पवार और कुछ अन्य विधायकों ने शिवसेना-भाजपा सरकार को समर्थन दिया था. इसी के साथ पार्टी में विभाजन हो गया और उसके दो हिस्से हो गए. एक के मुखिया शरद पवार बने रहे. वहीं अलग हुए गुट का नेतृत्व अजित पवार के हाथों में रहा.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के नेता रोहित पवार ने सोमवार को दावा महाराष्ट्र में खलबली मचा दी है. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP के 18 से 19 विधायक मानसून सत्र के बाद उनके पक्ष में आ जाएंगे. वहीं रोहित पवार ने कहा कि पार्टी के दो गुटों में विभाजित होने के बाद कभी भी उन विधायकों ने वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कुछ नहीं कहा.
दोनों नेताओं ने दावा किया है कि 18 से 19 विधायक हमारे और पवार साहब के संपर्क में हैं. वे मानसून सत्र के बाद उनके पाले में आ जाएंगे. हालांकि, वरिष्ठ नेता इस बारे में निर्णय लेंगे. फिलहाल उन्हें विधानसभा सत्र में भाग लेना होगा और विकास निधि प्राप्त करनी होगी. इसलिए वो सत्र समाप्त होने तक इंतजार कर रहे हैं.
लोकसभा चुनावों में BJP की यहां 23 से घटकर 9 सीटें रह गई हैं. वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 7 सीटें मिली हैं. जबकि, अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 1 में जीत मिली है. NDA ने यहां कुल 17 सीट हासिल की है. जबकि, उसके कब्जे वाले 26 सीटें उसने खो दी.
महाराष्ट्र भाजपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाले केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव प्रभारी होंगे और अश्विनी वैष्णव सह-प्रभारी बनाया है. यादव और वैष्णव दोनों को सभी कैडरों के बीच सामंजस्य सुनिश्चित करना होगा. तब कही जाकर संघ परिवार के स्वयंसेवक और भाजपा और महायुति सहयोगी साथ में चुनाव लड़ पाएंगे.