Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में आज यानी बुधवार को काफी खास दिन है. महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 40 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाने वाले हैं. ये क्रॉस-याचिकाएं शिव सेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों की ओर से दायर की गई थीं. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अगर स्पीकर ने सीएम शिंदे के खिलाफ फैसला सुनाया तो भाजपा क्या करेगी? सामने आया है कि भाजपा ने इसके लिए अपना प्लान B तैयार कर रखा है.
जानकारी के मुताहिक, फैसले से पहले यानी मंगलवार को देर रात मुख्यमंत्री शिंदे और उनके डिप्टी देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार में सीएम आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी. बैठक में राज्य की नवनियुक्त डीजीपी रश्मी शुक्ला और मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक फणसलकर भी मौजूद रहे. हालांकि फैसले से पहले बैठक को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे ने इसे अनुचित करार दिया है. बताया ये भी जा रहा है कि 7 जनवरी को सीएम एकनाथ शिंदे से उनके आधिकारिक निवास वर्षा पर विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने मुलाकात की थी.
महाराष्ट्र में शिवसेना गठबंधन वाली एमवीए की सरकार थी. इसी बीच 20 नवंबर 2022 को एकनाथ शिंदे समेत उनके पक्ष वाले करीब 40 विधायकों ने बगावत कर दी और शिवसेना के उद्धव गुट से अलग हो गए. शिंदे ने भाजपा के साथ गंठबंधन करके महाराष्ट्र में सरकार बनाई और खुद सीएम बने. देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया. इसके बाद महाराष्ट्र में आए राजनीतिक भूचाल के बीच उद्धव ठाकरे ने बद-बदल कानून का सहारा लेते हुए विधानसभा स्पीकर को नोटिस भेजा और सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 10 जनवरी 2024 तक विधानसभा अध्यक्ष को फैसला देने के लिए कहा.
महाराष्ट्र में इस वक्त राजनीतिक गलियारों में माहौल काफी गर्म है. अयोग्य विधायकों की लिस्ट में मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे भी शामिल हैं. अब सवाल उठता है कि अगर स्पीकर ने शिंदे को अयोग्य करार दिया तो भाजपा क्या करेगी? राजनीति के जानकारों का मानना है कि शिंदे के बाद अजित पवार गुट इस समय मजबूत स्थिति में हैं. ताजा हालातों को देखते हुए भाजपा अजित पवार का नाम सीएम पद के लिए आगे बढ़ा सकती है.
महाराष्ट्र विधानसभा में सीटों की संख्या 288 है. ऐसे में किसी भी पार्टी को राज्य की सत्ता में आने के लिए 145 विधायकों का समर्थन जरूरी है. वर्तमान स्थिति की बात करें तो शिंदे गुट के विधायकों की संख्या 40 और अजित पवार गुट के विधायकों की संख्या 40 है. वहीं भाजपा के 105 विधायक हैं.