'सीएम शिंदे, अजित पवार के कैंडिडेट्स को हराने की साजिश रच रही भाजपा', शरद पवार की NCP का दावा
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोपों के साथ-साथ दावों का भी दौर शुरु हो गया है. शरद पवार की एनसीपी की ओर से दावा किया गया है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के कैंडिडेट्स को हराने की प्लानिंग कर रही है, ताकि भविष्य में दोनों नेताओं पर दबाव बनाया जा सके.
Maharashtra Politics: शरद पवार की एनसीपी का दावा है कि आने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की 'प्लानिंग' सीएम शिंदे और अजित पवार के उम्मीदवारों को हराना है. एनसीपी (शरद पवार) के चीफ स्पोक्सपर्सन ने कहा कि भाजपा, सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार पर नियंत्रण स्थापित करने की योजना बना रही है, इसके लिए वो (भाजपा) जानबूझकर उनके (एकनाथ शिंदे और अजित पवार) कुछ विधायक उम्मीदवारों को हराना चाहती है, ताकि उनका प्रभाव कम किया जा सके.
एनसीपी (शरद पवार) ने रविवार को आरोप लगाया कि भाजपा ने जानबूझकर उनके कुछ विधायक उम्मीदवारों को हराकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के खिलाफ व्यापक रणनीति तैयार की है.
महेश तपासे ने किया ये दावा
एनसीपी (एसपी) के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में मुंबई का दौरा किया, जहां उन्होंने सीएम शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आवास पर गणेश दर्शन समारोह में श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों पर चर्चा करने के लिए भाजपा पदाधिकारियों के साथ एक रणनीतिक बैठक हुई.
तपासे ने कहा कि भाजपा, सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार पर नियंत्रण करने की योजना बना रही थी, ताकि उनके प्रभाव को कम करने की रणनीति के तहत उनके कुछ विधायक उम्मीदवारों को जानबूझकर हराया जा सके.
'लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के लिए अजित को ठहराया जिम्मेदार'
तपासे ने ये भी कहा कि भाजपा और आरएसएस ने लोकसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए अजित पवार को जिम्मेदार ठहराया है, जिसके बाद भाजपा के भीतर अजित पवार के एनसीपी गुट को समर्थन नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि भाजपा, एकनाथ शिंदे और अजित पवार से नाराज है क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री की 'लड़की बहन योजना' जैसी लोकप्रिय पहल का श्रेय ले लिया है, जिससे भाजपा जनता की नजरों में हाशिए पर चली गई है.
तपासे ने कहा कि इसके अलावा, भाजपा को ये एहसास हो गया है कि एकनाथ शिंदे और अजित पवार के समर्थकों के वोट भाजपा उम्मीदवारों के लिए चुनावी समर्थन में तब्दील नहीं हो रहे हैं.