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नवाब मलिक ने NCP नेताओं से की मुलाकात, तो भड़के देवेंद्र फडणवीस; क्या महाराष्ट्र में फिर आएगा राजनीतिक संकट?

अजित पवार खेमे से राकांपा सांसद सुनील तटकरे ने भी मलिक का बचाव किया और कहा कि राकांपा नेताओं ने उनके (मलिक) स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए पुराने सहयोगियों के रूप में मुलाकात की.

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Edited By: Om Pratap
Maharashtra Politics BJP vs NCP Nawab Malik joining ruling alliance

Maharashtra Politics BJP vs NCP Nawab Malik joining ruling alliance: महाराष्ट्र सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है? ये सवाल इसलिए क्योंकि कहा जा रहा है कि नवाब मलिक महाराष्ट्र सत्ता में काबिज भाजपा-शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी वाले गठबंधन सरकार में शामिल होने जा रहे हैं. इस मामले की जानकारी के बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और भाजपा के सीनियर नेता देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को साथी उपमुख्यमंत्री और गठबंधन सहयोगी अजीत पवार को चिट्ठी लिखकर विरोध जताया. 

फडणवीस की चिट्ठी तब सामने आई, जब जमानत पर बाहर चल रहे नवाब मलिक ने महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भाग लिया और मंत्री अनिल भाईदास पाटिल के केबिन में अजीत पवार गुट के राकांपा नेताओं से मुलाकात की.

नवाब मलिक को पिछले साल ED ने किया था अरेस्ट

नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2022 में अंडरवर्ल्ड डॉन और टेरर फाइनेंसर दाऊद इब्राहिम, उसके भाई अनीस, इकबाल, सहयोगी छोटा शकील और अन्य से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. देवेंद्र फडनवीस ने मलिक के खिलाफ गंभीर आरोप भी लगाए थे, जिसमें मलिक पर बॉम्बे ब्लास्ट के दो दोषियों के साथ संदिग्ध संपत्ति सौदे में शामिल होने का आरोप भी शामिल था.

अजीत पवार को पत्र में फडणवीस ने क्या लिखा?

अजीत पवार को लिखे पत्र में, फडणवीस ने लिखा कि मलिक को एक विधायक के रूप में विधानसभा में भाग लेने का अधिकार है. हम (भाजपा) उनके खिलाफ कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या द्वेष नहीं रखते हैं.

भाजपा नेता ने कहा कि जिस तरह के आरोपों का वे (नवाब मलिक) सामना कर रहे हैं, उसे देखते हुए हमारी राय है कि उन्हें गठबंधन वाली सरकार में शामिल करना उचित नहीं होगा. उन्होंने ये भी कहा कि मलिक केवल मेडिकल जमानत पर बाहर हैं, न की नियमित जमानत पर. 

फडणवीस बोले- ये आपका विशेषाधिकार

फडणवीस ने चिट्ठी में ये भी कहा कि हम सहमत हैं कि ये आपका विशेषाधिकार है कि आपकी पार्टी में किसे शामिल किया जाना चाहिए. लेकिन महाराष्ट्र सरकार में शामिल प्रत्येक दल को यह सोचना होगा कि क्या इससे गठबंधन को नुकसान होगा? इसलिए, हम इसके विरोध में हैं.

भाजपा नेता ने ये भी कहा कि उनकी पार्टी 'तत्कालीन मुख्यमंत्री' और पिछली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के साथ एकमत नहीं हो सकती, जिसने राष्ट्र-विरोधी तत्वों से संबंध रखने के आरोपों पर गिरफ्तार होने के बाद भी नवाब मलिक को मंत्री पद पर बने रहने की अनुमति दी थी. बता दें कि जिस वक्त नवाब मलिक को गिरफ्तार किया गया था, वे उद्धव सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. 

एनसीपी ने किया नवाब मलिक का समर्थन

राकांपा प्रवक्ता सूरज चव्हाण ने कहा कि पार्टी विधायक नवाब मलिक का समर्थन करती है. चव्हाण ने कहा कि जब तक मलिक के खिलाफ आरोप अदालत में साबित नहीं हो जाते, तब तक उन्हें राष्ट्र-विरोधी या दोषी कहना गलत है.

अजित पवार खेमे से राकांपा सांसद सुनील तटकरे ने भी मलिक का बचाव किया और कहा कि विधायक कई वर्षों से वरिष्ठ सहयोगी रहे हैं. तटकरे ने कहा कि गुरुवार को कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई और राकांपा नेताओं ने उनके (मलिक के) स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए पुराने सहयोगियों के रूप में मुलाकात की.

NCP सांसद ने कहा कि आज विधानसभा में आने के बाद ये स्वाभाविक है कि वह (नवाब मलिक) पुराने सहयोगियों से मिलेंगे और बातचीत करेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि एनसीपी के भीतर विभाजन से नवाब मलिक का कोई लेना-देना नहीं है. इससे पहले दिन में, शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे और सुषमा अंधारे ने मलिक के सत्ता पक्ष में शामिल होने को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा.