Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर अहम फैसला सुनाया है. महाराष्ट्र में 16 विधायकों की अयोग्यता को लेकर उद्धव गुट की ओर से की जा रही मांग को स्पीकर राहुल नार्वेकर ने खारिज कर दिया. स्पीकर ने कहा कि शिंदे गुट का कोई विधायक अयोग्य नहीं है. उन्होंने कहा कि शिंंदे गुट की शिवसेना ही असली है. चुनाव आयोग ने भी इसी को असली शिवसेना माना है. फैसले में इसी का ध्यान रखा गया है.
फैसला पढ़ते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिंदे को नेता पद से हटाए जाने का अधिकार उद्धव ठाकरे पास नहीं था. यदि ऐसा किया जाना था तो यह फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी का होना चाहिए था. फैसला सुनाते वक्त स्पीकर राहुल नार्वेकर ने यह भी कहा कि ECI ने शिंदे गुट की शिवसेना को ही असली माना है. फैसले में मैंने इसी को ध्यान में रखा है.
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि 2018 में शिवसेना के संविधान में जो संशोधन किया गया था वो असंवैधानिक था. ये संशोधन ECI के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है. चुनाव आयोग के पास एक ही संविधान संशोधन दर्ज है जो 1999 में हुआ था. इसलिए चुनाव आयोग में रखा गया संविधान ही मान्य होगा.
Shiv Sena MLAs' disqualification case | Maharashtra Assembly Speaker Rahul Narwekar says, "The constitution of Shiv Sena provided by ECI is the relevant constitution of Shiv Sena for the determination of which faction is the real political party." pic.twitter.com/coxWNb1fu0
— ANI (@ANI) January 10, 2024
विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि 2018 के बाद से संगठन चुनाव नहीं हुए. इसीलिए उसी को आधार माना जाएगा. चुनाव आयोग के पास जो रिकॉर्ड हैं उसी के आधार पर फैसला किया गया हैं, मैं चुनाव आयोग के खिलाफ नहीं जा सकता. मेरा अधिकार क्षेत्र सीमित है. स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि 21 जून 2022 को जो हुआ उसे समझना होगा. शिवसेना का एक गुट अलग हुआ.
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने जिन विधायकों पर फैसला सुनाया है, उनमें महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, महेश शिंदे, अब्दुल सत्तार, भरत गोगावाले, संजय शिरसाट, यामिनी जाधव, अनिल बाबर, तानाजी सावंत, लता सोनवणे, प्रकाश सर्वे, बालाजी किनीकार, संदीपन भुमरे, बालाजी कल्याणकार, रमेश बोनारे, चिमनराव पाटिल, संजय रायमुनकरी शामिल हैं.
महाराष्ट्र में शिवसेना गठबंधन वाली एमवीए की सरकार थी. इसी बीच 20 नवंबर 2022 को एकनाथ शिंदे समेत उनके पक्ष वाले करीब 40 विधायकों ने बगावत कर दी और शिवसेना के उद्धव गुट से अलग हो गए. शिंदे ने बीजेपी के साथ गंठबंधन करके महाराष्ट्र में सरकार बनाई और खुद सीएम बने. देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया. इसके बाद महाराष्ट्र में आए राजनीतिक भूचाल के बीच उद्धव ठाकरे ने दल-बदल कानून का सहारा लेते हुए विधानसभा स्पीकर को नोटिस भेजा और सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 10 जनवरी 2024 तक विधानसभा अध्यक्ष को फैसला देने के लिए कहा.
महाराष्ट्र विधानसभा में सीटों की संख्या 288 है. ऐसे में किसी भी पार्टी को राज्य की सत्ता में आने के लिए 145 विधायकों का समर्थन जरूरी है. वर्तमान स्थिति की बात करें तो शिंदे गुट के विधायकों की संख्या 40 और अजित पवार गुट के विधायकों की संख्या 40 है. वहीं बीजेपी के 105 विधायक हैं.