Maharashtra News: दिल्ली की यमुना नदी में अक्सर प्रदूषण को लेकर केंद्र और राज्य की सरकारों में खींचतान होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश की कई और भी ऐसी नदियां हैं जहां प्रदूषण के कारण जलीय जीवों की मौत हो रही है. ताजा मामला महाराष्ट्र से सामने आया है. यहां इंद्रायणी नदी के घाट पर बुधवार को सैकड़ों की संख्या में मछलियां मरी हुई मिली थीं.
जैसे ही ये खबर अधिकारियों को पता चली तो हड़कंप मच गया. आनन-फानन में नदी के पानी की जांच कराई तो उनके भी होश उड़ गए. जांच में पता चला है कि नदी के पानी में ऑक्सीजन (घुलनशील ऑक्सीजन) तय मानक से काफी कम है. इसके कारण मछलियां मर रही हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 13 मार्च को इंद्रायणी नदी के किनारे देहु घाट पर बड़ी मछलियां मरी हुई पाई गईं. घटना के बाद गुस्साए लोगों ने इंद्रायणी नदी में प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग की और सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताई.
इसके बाद आज यानी 14 मार्च को महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) ने दो स्थानों से नदी पानी के नमूने लिए. जांच के बाद सामने आया है कि देहु घाट के पानी में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा है.
एमपीसीबी पुणे के क्षेत्रीय अधिकारी रवींद्र अंधाले ने कहा कि घटना स्थल पर डीओ स्तर मानक से काफी नीचे पाए गए हैं. संभवतः इसी के कारण मछलियां मरी हैं. इसके अलावा इंद्रायणी नदी में जल स्तर में कमी, सीवेज डिस्चार्ज और तापमान में वृद्धि भी मछलियों के मरने का कारण हो सकता है.
एमपीसीबी ने एक महीने पहले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को सक्रिय करने के लिए देहु नगर परिषद को निर्देश जारी किए थे.
पुणे रिवर रिवाइवल सिटीजन्स ग्रुप की सदस्य प्राजक्ता महाजन ने मीडिया को बताया है कि मुझे 13 मार्च की सुबह इस घटना के बारे में पता चला. फिर हमने उस स्थान का निरीक्षण किया. यहां डेक्कन महासिर और गोल्डन महासिर जैसी कई प्रजाति की मछलियां मरी हुई पड़ी थीं.
हमने इस बारे में नगरपालिका परिषद को सूचित किया और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने खुद साइट का दौरा किया. सीईओ इंद्रायणी नदी में प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए एक अल्पकालिक शमन योजना शुरू करने पर सहमत हुए है.