Ashok Chavan Resigned Congress: महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक चव्हाण ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी छोड़ने के साथ-साथ अशोक चव्हाण ने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया. अशोक चव्हाण ने विधायक पद से अपना इस्तीफा महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को सौंपा है. सूत्रों की मानें तो चव्हाण अब बीजेपी का दामन थाम सकते है.
सियासी हलकों से ऐसी खबरे छनकर आ रही है कि कि चह्वाण महाराष्ट्र बीजेपी प्रदेश मुख्यालय पंहुच सकते है. जहां पहले से महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, मंगल प्रभात लोढ़ा और आशीष शेलार पहले से ही बीजेपी दफ्तर में मौजूद हैं. चर्चा है कि बीजेपी नेताओं के साथ चव्हाण की बातचीत अंतिम दौर में है और वह कभी भी बीजेपी के छतरी तले आ सकते है.
महाराष्ट्र के पूर्व CM अशोक चव्हाण सूबे की सियासत के बड़े क्षत्रप माने है. उन्हें राजनीतिक विरासत पिता शंकरराव चव्हाण से मिली जो दो बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं. शंकरराव चव्हाण की ही बदौलत मराठवाड़ा में कांग्रेस मजबूत हुई और सत्ता विरोधी लहर होने के बावजूद कांग्रेस को कोई यहां से हिला नहीं पाया. अशोक चव्हाण 8 दिसंबर 2008 से 9 नवंबर 2010 तक डेढ़ साल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली लेकिन आदर्श इमारत घोटाले में नाम आने के बाद उन्होंने CM पद से इस्तीफा दे दिया. उसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद अशोक चव्हाण नांदेड लोकसभा सीट से चुनाव जीतने में सफल रहे थे.
अशोक चव्हाण की इस्तीफे के पिछे की वजह प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी है. सियासी चर्चाओं की मानें तो अशोक चव्हाण ने पार्टी हाईकमान से नाना पटोले को हटाकर खुद को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की थी. अशोक चव्हाण की इस मांग को नजरअंदाज करते हुए कांग्रेस आलाकमान ने ठुकरा दिया. जिसके बाद बीते कुछ दिनों से कांग्रेस पार्टी से अशोक चव्हाण सियासी गलियारों में सुर्खियां बनी हुई थी. चर्चा है कि बीजेपी ज्वाइन करने के बाद BJP उन्हें राज्यसभा भेज सकती है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अशोक चव्हाण गिनती प्रभावशाली नेताओं में होती है. बीते एक महीने के दौरान कांग्रेस पार्टी के तीसरे बड़े नेता ने इस्तीफा दिया है. इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. वहीं इसी साल पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा भी कांग्रेस पार्टी से अलग होकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए. ऐसे में एक के बाद नेताओं का कांग्रेस पार्टी छोड़ना झटके के तौर पर देखा जा रहा है.