Maharashtra Marathi First Policy: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नजदीक आते ही राज्य में रोजगार, गरीबी आदि की चर्चा शुरू हो गई है. एक तरफ विपक्ष अपने दावों औऱ तर्कों के जरिए आरोप लगाने में जुटा है, तो वहीं महायुति (भाजपा, शिवसेना और एनसीपी) सरकार महाराष्ट्र के लोगों के लिए केंद्र सरकार से राज्य में इन्वेस्टमेंट लाने और रोजगार पैदा करने के लिए सभी जरूरी प्रयासों में जुटी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, महायुक्ति सरकार की 'महाराष्ट्र फर्स्ट, मराठी फर्स्ट' पॉलिसी एक बड़ी सफलता रही है, जिसमें कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को केंद्र सरकार से मंजूरी मिली है.
आइए, जानते हैं कि महायुक्ति सरकार किस-किस सेक्टर में इन्वेस्टमेंट्स ला रही है और उससे कितना रोजगार पैदा होगा.
पंप स्टोरेज के लिए 2.14 लाख करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट से राज्य के एनर्जी सेक्टर में क्रांति आने वाली है. इससे 40,870 मेगावाट अतिरिक्त बिजली पैदा होगी और 72,000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे. उपमुख्यमंत्री और राज्य के ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े अहम समझौतों पर साइन किए हैं.
राज्य सरकार ने वाहन और ऊर्जा क्षेत्र में 1.20 लाख करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी है. टावर सेमीकंडक्टर और अडानी समूह पनवेल के तलोजा में एक सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट स्थापित करेंगे, जिससे 5,000 नौकरियां पैदा होंगी. टोयोटा किर्लोस्कर ओरिक सिटी में एक इलेक्ट्रिक व्हीकल प्लांट स्थापित करेगा, जिससे लगभग 9,000 नौकरियां पैदा होंगी.
केंद्र सरकार ने मनमाड-इंदौर रेलवे लाइन प्रोजेक्ट के लिए 18,000 करोड़ मंजूर किए हैं. इस परियोजना में 30 नए स्टेशन शामिल होंगे, जो 1,000 से ज़्यादा गांवों और 30 लाख से ज़्यादा आबादी को रेलवे नेटवर्क से जोड़ेंगे. रेलवे सेवाओं के विस्तार से इन अविकसित क्षेत्रों में औद्योगिक नेटवर्क की स्थापना होगी.
राज्य सरकार ने नर-पार गिरन नदी लिंक परियोजना के लिए 7,000 करोड़ मंजूर किए हैं. इससे गुजरात से महाराष्ट्र को अतिरिक्त पानी मिलेगा. इस परियोजना से लगभग 50,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी, जिससे उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक, जलगांव और धुले जिलों को लाभ होगा.
राज्य सरकार ने 81,000 करोड़ रुपये के निवेश वाली 7 बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिससे 20,000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इन परियोजनाओं में एडवांस व्हीकल, सेमीकंडक्टर चिप्स और लिथियम बैटरी का उत्पादन शामिल है. इससे कोंकण, मराठवाड़ा और विदर्भ के विकास को काफी बढ़ावा मिलेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वधावन बंदरगाह परियोजना का भूमिपूजन किया. इस परियोजना के लिए चार अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र को चुना गया. उम्मीद है कि यह बंदरगाह देश के विदेशी व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. समृद्धि एक्सप्रेसवे से इसका सीधा जुड़ाव राज्य की अर्थव्यवस्था को बदल देगा.
महायुति सरकार ने राज्य में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को गति देने में काफी प्रगति की है. महायुति सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण राज्य में लाखों नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद है. केंद्र और राज्य सरकारों ने जल, उद्योग, कृषि और सड़कों में निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है.