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Maharashtra: महायुति मंत्रिमंडल में कल होगा विस्तार, शिंदे के खाते में जा सकते हैं 12 मंत्री पद

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में करीब 30 नए मंत्रियों के शामिल होने की उम्मीद है. यह विस्तार 16 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से ठीक पहले हो रहा है. 

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
Maharashtra Mahayuti cabinet
Courtesy: x

Maharashtra Cabinet:  महाराष्ट्र की महायुति गठबंधन सरकार 15 दिसंबर को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेगी, जिसका आधिकारिक शपथ ग्रहण समारोह नागपुर के राजभवन में अपराह्न तीन बजे होगा. करीब 30 नए मंत्रियों के शामिल होने की उम्मीद है. यह विस्तार 16 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से ठीक पहले हो रहा है. विधायकों के शेड्यूल को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट विस्तार शनिवार की बजाय रविवार को किया जा रहा है.

रिपोर्ट्स बताती हैं कि तीनों पार्टियों के वरिष्ठ नेता उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए जोर लगा रहे हैं. शपथ ग्रहण समारोह की तारीख को लेकर शुरू में अनिश्चितता थी, प्रोटोकॉल विभाग द्वारा मुंबई में शनिवार को कार्यक्रम की तैयारी की गई थी. हालांकि, आधिकारिक संचार की कमी के कारण इसे रविवार तक के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया गया. प्रमुख विभागों के आवंटन को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं, सूत्रों के अनुसार शहरी विकास, पर्यटन और एमएसआरडीसी जैसे महत्वपूर्ण विभाग उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नियंत्रण में रहेंगे. हालांकि, राजस्व विभाग को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे नेता अंतिम निर्णय का इंतजार कर रहे हैं.

अजित पवार को मिल सकते हैं 9-10 मंत्री पद

महाराष्ट्र मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 43 सदस्य हो सकते हैं. सूत्रों से पता चलता है कि भाजपा को 20-21 मंत्री पद मिल सकते हैं, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 11-12 और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 9-10 मंत्री पद मिल सकते हैं. राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री शिंदे और पवार के साथ अलग-अलग बैठकें कीं और मंत्रिमंडल की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया. दक्षिण मुंबई में अजित पवार के निवास देवगिरी बंगले पर भी चर्चा हुई, जिसमें एनसीपी के प्रमुख नेता शामिल हुए.

बीजेपी के पास 132 सीटें

मंत्रिमंडल का गठन 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन की भारी जीत के बाद हुआ है, जिसमें इसने 288 में से 230 सीटें जीती थीं. भाजपा 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, उसके बाद शिंदे की शिवसेना 57 और पवार की एनसीपी 41 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. सरकार गठन में राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला. शिंदे ने शुरू में कैबिनेट में शामिल होने में अनिच्छा जताई और पार्टी संगठन पर ध्यान केंद्रित करना पसंद किया, लेकिन अंततः वह अजित पवार के साथ उपमुख्यमंत्री का पद लेने के लिए सहमत हो गए.