Maharashtra Income Tax Case: महाराष्ट्र में एक शख्स के आय से अधिक संपत्ति के मामले में ED यानी प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की. इस दौरान शख्स के घर से 150 करोड़ रुपये की संपत्ति बरामद की गई. आरोपी की पत्नी महाराष्ट्र की सीनियर आईपीएस अफसर बताई जा रही हैं. महाराष्ट्र की आईपीएस अधिकारी के पति को आयकर मामले में गिरफ्तार करने से पहले ED ने उनके घर पर छापेमारी की. इस दौरान उनके घर से 150 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के डॉक्यूमेंट्स बरामद किए गए.
जानकारी के मुताबिक, आयकर धोखाधड़ी मामले में सीनियर आईपीएस अधिकारी के पति के मुंबई और ठाणे में 14 फ्लैट्स और अन्य प्रॉपर्टीज की जानकारी मिली है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 263 करोड़ रुपये के इनकम टैक्स रिटर्न धोखाधड़ी से संबंधित एक मामले में ये कार्रवाई की. कुछ दिन पहले ही सीनियर आईपीएस अफसर के कोलाबा में मिले सरकारी मकान में छापेमारी की गई थी.
सीनियर आईपीएस अफसर के पति की पहचान पुरुषोत्तम चव्हाण के रूप में हुई है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने पुरुषोत्तम को इस सप्ताह की शुरुआत में अरेस्ट किया था. तलाशी के दौरान अधिकारियों को मुंबई और ठाणे में स्थित करीब 14 फ्लैटों के दस्तावेज मिले, जिनमें वर्ली में दो बड़े फ्लैट भी शामिल हैं. अधिकारियों को मुंबई और पुणे के लिए ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (TDR) के डॉक्यूमेंट्स भी मिले.
जानकारी के मुताबिक, बरामद की गई संपत्ति के डॉक्यूमेंट्स कई व्यक्तियों के नाम पर रजिस्टर्ड हैं. संदेह है कि ये इन व्यक्तियों के नाम पर बनाई गई बेनामी संपत्तियां हो सकती हैं. चव्हाण को 263 करोड़ रुपये के आयकर रिफंड धोखाधड़ी के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 5 मई को गिरफ्तार किया गया था. सीनियर आईपीएस अधिकारी के पति चव्हाण ने एक आरोपी राजेश बत्रा को आश्वासन दिया था कि वो टैक्स मामले में राहत दिलाने में मदद करेंगे और उससे 12 करोड़ रुपये लिए थे.
इससे पहले इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में तानाजी मंडल अधिकारी, भूषण पाटिल, राजेश शेट्टी (न्यायिक हिरासत) और राजेश बृजलाल बत्रा शामिल है. राजेश फिलहाल ईडी की हिरासत में है.
ED ने CBI की ओर से IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत तानाजी मंडल अधिकारी और अन्य के खिलाफ आयकर विभाग से 263.95 करोड़ रुपये के टीडीएस रिफंड को धोखाधड़ी से जारी करने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की थी.
जांच से पता चला कि राजेश बृजलाल बत्रा और पुरुषोत्तम चव्हाण रेग्यूलर कॉन्टैक्ट में थे. ये दोनों हवाला लेनदेन और अवैध रूप से प्राप्त धन के हेरफेर से संबंधित मैसेज शेयर करते थे. संपत्ति के दस्तावेजों के अलावा, एजेंसी ने विदेशी करेंसी और मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं. ये पाया गया कि पुरुषोत्तम चव्हाण ने सबूतों को नष्ट करके जांच में बाधा डालने की कोशिश की, जिससे पैसे का पता लगाने में मदद मिल सकती थी.
इससे पहले इस मामले में अब तक 168 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्तियों की पहचान कर उन्हें जब्त/कुर्क किया जा चुका है. तानाजी मंडल अधिकारी और 10 अन्य के खिलाफ सितंबर 2023 में शिकायत भी दर्ज की गई थी. आगे की जांच जारी है.