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Maharashtra Election Results 2024: लोकसभा चुनाव में विदर्भ में बीजेपी की हालत थी खराब, 6 महीने बाद बदल गई कहानी

Maharashtra Election Results 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के ताजा रुझानों में महायुति ने विदर्भ क्षेत्र में मजबूत बढ़त बनाई है, जहां वह 62 सीटों में से 40 से अधिक पर आगे चल रही है. विदर्भ का यह कृषि प्रधान इलाका राज्य सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. हालांकि, 2019 में MVA ने लोकसभा चुनावों में यहां आश्चर्यजनक जीत हासिल की थी.

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Maharashtra Election Results 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के ताजा रुझानों के अनुसार, महायुति ने विदर्भ क्षेत्र में जबरदस्त बढ़त हासिल की है, जिससे यह क्लियर हो गया है कि इस चुनाव में विदर्भ का अहम योगदान होगा. रुझानों के अनुसार, महायुति विदर्भ के 62 विधानसभा सीटों में से 40 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रही है, जो कि एक कृषि प्रधान इलाका है. विदर्भ क्षेत्र में बड़े और छोटे दोनों तरह के किसानों की बड़ी आबादी है, और यह क्षेत्र सरकार गठन के लिए अहम साबित हो सकता है.

विदर्भ क्षेत्र महाराष्ट्र के पश्चिमी क्षेत्र के बाद विधानसभा सीटों के मामले में दूसरे स्थान पर है. यहां की 62 विधानसभा सीटों का रिजल्ट राज्य में सरकार गठन का मुख्य फोकस बन सकता है. यह क्लियर हो चुका है कि महाराष्ट्र का राजसी रास्ता अब विदर्भ से होकर जाता है. हालांकि, विदर्भ बीजेपी का गढ़ माना जाता है, लेकिन पिछले लोकसभा चुनावों में महा विकास आघाडी (MVA) ने चौंका दिया था, जब उसने 10 में से 7 सीटें जीत ली थीं. कांग्रेस ने इनमें से पांच सीटें अपने नाम की थीं. महायुति ने केवल तीन सीटों पर जीत हासिल की थी.

बता दें कि 2014 में बीजेपी ने विदर्भ की 62 सीटों में से 44 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को 10 सीटें मिली थीं. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीटों में गिरावट आई थी, जब उसने केवल 29 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 15 सीटें हासिल की थीं. विदर्भ में कई प्रमुख भाजपा नेता हैं, जैसे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस राज्य अध्यक्ष नाना पटोले. फडणवीस नागपुर दक्षिण-पश्चिम से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि नाना पटोले सकोली सीट से मैदान में हैं. भाजपा ने विदर्भ में कुल 47 सीटों पर चुनाव लड़ा है.

विदर्भ क्षेत्र में किसानों की स्थिति हमेशा से ही संवेदनशील रही है. विपक्षी महा विकास आघाडी (MVA) ने चुनावी अभियान के दौरान कई मुद्दों को उठाया था, जैसे आरक्षण, सोयाबीन की कीमतें और फसलों के लिए मार्केट सेलिंग प्राइस (MSP). इसके अलावा, किसानों की आत्महत्याओं के आंकड़ों को लेकर भी विपक्ष ने सरकार को घेरा था. 2023 में, विदर्भ में किसान आत्महत्याओं का मैक्सिमम आंकड़ा 1439 था, जो कि विपक्ष के आरोपों को और मजबूत करता है.