Eknath Shinde: महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के लिए मीटिंग का दौर चल रहा था, इसी बीच एकनाथ शिंदे अपने गांव चले गए. इसपर अब राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. संजय शिरसाट ने कहा है कि कार्यकारी मुख्यमंत्री बड़ा निर्णय ले सकते हैं, क्योंकि जब भी कोई पेंच फंसता है वे अपने गांव दारे तांब जाते हैं. बताया जा रहा है कि भाजपा ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने पर जोर दिया है, जबकि शिंदे और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
आजाद मैदान में होगा शपथ ग्रहण
पहले शपथ ग्रहण सोमवार को होने की उम्मीद थी. हालांकि, अमित शाह की व्यस्तता के कारण वार्ता पूरी होने की संभावना नहीं है, जिन्हें शनिवार तक डीजीपी सम्मेलन के साथ महायुति भागीदारों की प्रतिस्पर्धी मांगों को संतुलित करना है. सूत्रों को अब उम्मीद है कि शपथ ग्रहण 5 दिसंबर को आजाद मैदान में होगा, क्योंकि शाह के कार्यभार की पेचीदा प्रकृति और पीएम मोदी की व्यस्तताएं, जिन्हें शो का सितारा माना जा रहा है. बातचीत से परिचित सूत्रों ने बताया कि गुरुवार देर रात शाह के आवास पर हुई चर्चा में निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस तर्क पर सहमति जताई कि 132 विधायकों के साथ और पांच विधायकों के समर्थन के साथ भाजपा मुख्यमंत्री पद की स्वाभाविक दावेदार है.
बीजेपी शिंदे को मनाने का कर रही प्रयास
हालांकि शिंदे ने यह नहीं बताया कि वह एनसीपी के अजित पवार के साथ उपमुख्यमंत्री के रूप में काम करेंगे या नहीं, लेकिन भाजपा सूत्रों को उम्मीद है कि उन्हें फडणवीस की टीम का हिस्सा बनने के लिए राजी कर लिया जाएगा. एनसीपी भी इसी तरह की उम्मीद जता रही है. गठबंधन के मामले में विधानसभा अध्यक्ष के लिए भाजपा के उम्मीदवार होने को लेकर भी साझेदारों के बीच सहमति बनती दिख रही है. खास बात यह है कि शिंदे ने संकेत दिया कि शिवसेना उनके उम्मीदवार को विधान परिषद का अध्यक्ष बनाना चाहती है और सूत्रों के अनुसार भाजपा शिंदे को मुआवजा देने के तौर पर इस इच्छा को मानने से पीछे नहीं हटी.
फडणवीस डिप्टी सीएम बन सकते हैं तो शिंदे क्यों नहीं?
फिलहाल, शिंदे की गांव जाने की वजह बुखार बताया जा रहा है. ऐसे में अब 1 दिसंबर तक महायुति की बैठक हो पाना संभव नहीं है. दूसरी तरफ भाजपा सूत्रों ने कहा कि अगर पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो शिंदे भी यह पद संभाल सकते हैं. उन्होंने कहा कि इससे यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि समझौता करने के लिए सिर्फ भाजपा नेता ही नहीं हैं.