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India Daily

'मुस्लिम भाइयों को जो आंख दिखाएगा उसे बक्शा नहीं जाएगा', इफ्तार पार्टी में बोले अजित पवार

Ajit Pawar: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुंबई में एक इफ्तार पार्टी के दौरान बयान दिया कि जो भी हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को डराएगा उसे बक्शा नहीं जाएगा.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Maharashtra deputy CM Ajit Pawar At Iftar Party Amid Aurangzeb Row warns who shows an Muslim brother
Courtesy: Social Media

Ajit Pawar: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुंबई में आयोजित एक इफ्तार पार्टी के दौरान भारत की विविधता में एकता की अहमियत पर जोर दिया. इस अवसर पर उन्होंने मुसलमानों को किसी भी तरह की धमकी देने की कोशिश करने वालों को सख्त चेतावनी दी और कहा कि ऐसे लोगों को बक्शा नहीं जाएगा.

मुंबई के मरीन लाइन्स में आयोजित इस इफ्तार पार्टी में अजित पवार ने कहा, "भारत एकता और विविधता का प्रतीक है. हमें किसी भी तरह के विभाजनकारी ताकतों के जाल में नहीं फंसना चाहिए." उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखना चाहिए, जो भारत को एकजुट करती है.

अजित पवार ने कहा, "हमने हाल ही में होली मनाई, अब गुड़ी पड़वा और ईद जैसे त्योहार भी आ रहे हैं. ये सभी त्योहार हमें एक साथ रहने और प्रेम का संदेश देते हैं. हमें इन्हें मिलकर मनाना चाहिए क्योंकि हमारी एकता ही हमारी ताकत है." इस दौरान उन्होंने मुसलमानों के साथ अपनी एकजुटता भी व्यक्त की और कहा, "आपका भाई अजित पवार हमेशा आपके साथ है."

रमजान पर बोले अजित पवार

अजित पवार ने कहा, "रमजान केवल एक धर्म तक सीमित नहीं है. रमजान मानवता, त्याग और आत्म-नियंत्रण का प्रतीक है. यह महीने हमें जरूरतमंदों के दुख-दर्द को समझने की प्रेरणा देते हैं और हमारे शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करते हैं."

इफ्तार पार्टी में अजित पवार ने मुसलमानों की सुरक्षा का संकल्प लिया और कहा, "अगर कोई हमारी मुस्लिम भाइयों और बहनों को आंख दिखाता है, या दो समूहों के बीच संघर्ष पैदा करने की कोशिश करता है, तो उसे कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी. ऐसे किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा."

औरंगजेब विवाद और महाराष्ट्र में तनाव

यह बयान महाराष्ट्र में चल रहे औरंगजेब विवाद के बीच आया है. इस विवाद ने तब और तूल पकड़ा, जब 'छावा' फिल्म के रिलीज के बाद हिंदू संगठनों ने औरंगजेब की कब्र को तोड़े जाने की मांग की. फिल्म छावा, जो छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है, ने औरंगजेब को लेकर नकारात्मक भावना को और बढ़ावा दिया.