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India Daily

बर्ड फ्लू के प्रकोप से महाराष्ट्र के गांव में मचा हड़कंप, 'अलर्ट जोन' में घोषित किया गया आस-पास का पूरा इलाका

प्रभावित क्षेत्र के 5 किलोमीटर के दायरे में पोल्ट्री और मुर्गी की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया है, ताकि इस बीमारी के फैलने से रोका जा सके. इन कदमों से प्रशासन का उद्देश्य बर्ड फ्लू के संक्रमण को और अधिक फैलने से रोकना है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Maharashtra  Chandrapur Mangli village declared alert zone due to bird flu outbreak
Courtesy: Social Media

महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के मंगलि गांव में बर्ड फ्लू के प्रकोप ने लोगों में चिंता का माहौल बना दिया है. 25 जनवरी को गांव में कई मुर्गों की मृत्यु हो गई, जिसके बाद पशुपालन विभाग ने नमूने एकत्रित किए और उनकी जांच के लिए पुणे और भोपाल स्थित अनुसंधान संस्थानों को भेजा. रिपोर्ट के बाद, यह पुष्टि हुई कि मुर्गों में एवीयन इन्फ्लुएंजा (H5N1) वायरस था. इसके बाद, चंद्रपुर के कलेक्टर और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) के अध्यक्ष ने गांव और आसपास के 10 किलोमीटर क्षेत्र को 'अलर्ट जोन' घोषित कर दिया.

बर्ड फ्लू का प्रभाव और सुरक्षा उपाय

बर्ड फ्लू के फैलाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं. संक्रमित मुर्गों को वैज्ञानिक तरीकों से मारने के आदेश दिए गए हैं. इनमें मंगलि, गेवरलाचक और जुनोनातोली गांवों के प्रभावित मुर्गों को जल्द से जल्द नष्ट किया जाएगा. इसके अतिरिक्त, मरे हुए मुर्गों को विशेष दिशा-निर्देशों के तहत नष्ट किया जाएगा.

वहीं, बाकी की पशु आहार और अंडों को भी नष्ट करने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही, प्रभावित इलाके में वाहनों के आवागमन को रोक दिया गया है. अब इस क्षेत्र में जिंदा और मरे हुए मुर्गों, अंडों, मुर्गी का मांस, आहार, बर्ड फीड, और अन्य उपकरणों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है.

संक्रमण फैलने से रोकने के लिए विशेष कदम

अलर्ट जोन के भीतर प्रवेश और अन्य गतिविधियों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है. प्रभावित पोल्ट्री फार्म के परिसर और प्रवेश द्वारों को सोडियम हाइपोक्लोराइट या पोटेशियम परमांगनेट से पूरी तरह से साफ किया जाएगा.

'अलर्ट जोन' में सुरक्षा और रोकथाम

चंद्रपुर जिला प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि इस इलाके में किसी भी तरह के वाहनों या अन्य संदिग्ध सामग्री का प्रवेश न हो, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. पशुपालन विभाग के साथ-साथ, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि वे कोई भी संदिग्ध गतिविधि देखे तो प्रशासन को तुरंत सूचित करें.

इसके साथ ही, संक्रमित पक्षियों के उचित नष्ट करने और अन्य उपायों को ध्यान में रखते हुए, संक्रमण के फैलाव को पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकेगा.