Mahayuti: महाराष्ट्र विधानसभा बजट सत्र आज से शुरू होने वाला है. इससे पहले रविवार की शाम को महायुति की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया. जिसमें सीएम देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार मौजूद रहें. मीडिया से बात करते हुए महायुति ने उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि महायुति के अंदर कोल्ड वॉर चल रहा है.
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सब चाहें जितनी भी कोशिश करें कि आपकी ब्रेकिंग न्यूज बन जाएं लेकिन हमारा गठबंधन टूटने वाला नहीं है. इसके साथ उन्होंने विपक्षी महा विकास अघाड़ी पर हमला भी बोला है.
महायुति के तीनों नेताओं ने गठबंधन में टकराव के सभी दावों को खारिज कर दिया है. वहीं विपक्ष के दावों का मजाक बनाते हुए कहा कि इतनी भीषण गर्मी में शीत युद्ध कैसे हो सकता है? हमारे बीच सब कुछ ठंडा ठंडा, शांत है. जिसके बाद तीनों नेता मुस्कुराने लगें. महायुति में टकरार की अफवाहें तब आनी शुरू हुई थी जब एकनाथ शिंदे ने कुछ दिनों पहले मीडिया के सामने कहा था कि मुझे हल्के में न लें. उनके इस बयान के बाद लोग साल 2022 में महाराष्ट्र में हुए राजनीतिक को याद करने लगे थे, जब शिंदे ने उद्धव ठाकरे की सरकार को गिराने में मुख्य किरदार निभाया था.
एकनाथ शिंदे ने कुछ दिनों पहले मीडिया के सामने कहा था कि मुझे हल्के में न लें, मैंने यह पहले ही उन लोगों से कह दिया है जिन्होंने मुझे हल्के में लिया है. मैं एक सामान्य पार्टी कार्यकर्ता हूं, लेकिन मैं बाला साहेब का कार्यकर्ता हूं और सभी को मुझे इसी समझ के साथ लेना चाहिए. जब 2022 में मुझे हल्के में लिया तो मैंने सरकार बदल दी. हमने जनता की इच्छाओं से नई. महायुति में अंदरूनी कलह की बातें तब और भी ज्यादा फैलने लगी जब शिंदे ने मुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा बुलाई गई कुछ बैठकों को छोड़ दिया. जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा होने लगी की शिंदे शीर्ष पद से वंचित होने के कारण भाजपा से नाराज हैं. हालांकि अंदरूनी कलह के इन अफवाहों पर अब महायुति के नेताओं ने मिलकर विराम लगा दिया है.
देवेंद्र फडणवीस ने महायुति में ऑल गुड का संदेश दिया है. साथ ही विपक्षी पार्टी पर हमला किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि आज हमने विपक्ष को चहापन के लिए आमंत्रित किया था. जिसमें बजट से एक दिन पहले बैठक होती है. लेकिन उन्होंने इसका बहिष्कार किया. उन्होंने एक बैठक की, जिसमें उनके कोई भी बड़े नेता नहीं आए. विपक्ष की स्थिति हम आपके हैं कौन? वाली है, हम साथ-साथ हैं वाली नहीं है. उन्हें धाराप्रवाह बातचीत का अवसर मिला, लेकिन वे शामिल नहीं हुए. साथ ही उन्होंने कहा कि हम विपक्ष को सदन में बोलने के लिए लंबा समय देंगे.