'BJP चाहती है गठबंधन तोड़ें अजीत पवार,' महराष्ट्र में नया खेला करने वाले हैं शरद पवार?

महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर शरद पवार के नेतृत्व वाली नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी सक्रिय हो गई है. शरद गुट के नेताओं का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता दबाव बना रहे हैं, अजीत पवार, पार्टी छोड़ दें. शरद गुट के दावों से महायुती सरकार की अभी तक कोई प्रतक्रिया सामने नहीं आई है.

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महाराष्ट्र की राजनीति में अब किसी पार्टी के बंटने से लेकर, समर्थन छोड़ने तक की बात नई नहीं है. राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) समर्थित एक पत्रिका 'विवेक' में दावा किया गया कि महाराष्ट्र में अजीत पवार के साथ जाने से भारतीय जनता पार्टी (BJP) को तगड़ा झटका लगा है. पत्रिका में यह बताया गया है कि बीजेपी के राज्य में खराब प्रदर्शन की सबसे बड़ी वजह यही है. अब शरद पवार के नेतृत्व वाली नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेताओं का दावा है कि बीजेपी अजीत पवार से पीछा छुड़ाना चाहती है.
 
संघ समर्थित पत्रिका के आंतरिक सर्वे में दावे किया गया कि बीजेपी के सदस्यों ने इस बेमेल गठबंधन को खारिज कर दिया. इससे उनकी भावना आहत हुई. शरद पवार की एनसीपी को तोड़कर अजीत पवार, जुलाई 2023 में महायुति सरकार में जा मिले थे. सर्वे में कहा गया कि यही बात, कार्यकर्ताओं को खटकने लगी और बीजेपी का नुकसान हो गया. 

महाराष्ट्र लोकसभा चुनावों के नतीजे कैसे रहे?

महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटे हैं लेकिन बीजेपी के पास महज 9 सीटें हैं. शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के पास कुल 7 सीटें हैं, वहीं शरद गुट के पास एक सीट है. वहीं विरोधी महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के पास सीटों की भरमार है. शिवसेना गुट (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद गुट) और कांग्रेस के पास कुल 30 सीटें हैं.
 

क्या शरद गुट करेगा खेला?

बुधवार को नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता क्लाइड क्रास्तो ने दावा किया कि बीजेपी को पता लग चुका है कि अजीत पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ जाने से पार्टी को झटका लगा है. विधानसभा चुनावों में भी झटका लग सकता है. उन्होंने कहा, 'सच्चाई ये है कि महाराष्ट्र के लोगों ने एनसीपी को खूब वोट गिया है. बीजेपी सावधानी से काम कर रही है, क्योंकि वह चुनाव जीतना चाहती है. अजीत पवार के साथ गठबंधन, उन्हें चुनाव हरा देगा. लोकसभा चुनावों में इसकी झलक दिख चुकी है. विवेक में छपे लेख के बहाने वे अजीत पवार को खुद से दूर करना चाहते हैं. वे किसी न किसी तरह से महायुति छोड़ने के लिए कह रहे हैं.' 

बेमेल गठबंधन, लोगों को नहीं आया रास!

क्लाइड क्रास्तो ने दावा किया है कि राज्य के लोगों को यह बेमेल गठबंधन पसंद नहीं आया है. न ही एकनाथ शिंदे का साथ बीजेपी का जाना लोगों को पसंद आया है. उन्होंने कहा, 'अजीत पवार को लाने का फैसला, बीजेपी के लिए आफत लेकर आई. पार्टी ने लोकसभा चुनावों में कई सीटें गंवा दीं. यह महाराष्ट्र की सच्चाई है. बीजेपी और एनसीपी का गठबंधन लोगों को रास नहीं आया है, महाराष्ट्र के लोगों ने इसे नहीं स्वीकारा है. ऐसा ही शिंदे गुट के साथ हुआ है. 

क्या महाराष्ट्र में होगा खेला?

शरद पवार, महाराष्ट्र की राजनीति के मझे हुए खिलाड़ी हैं. उनकी पार्टी के नेता, अब ज्यादा संगठित नजर आ रहे हैं. वे सधे कदमों से चल रहे हैं. स्थानीय स्तर पर ऐसी खबरें सामने आई हैं कि लोग नई एनसीपी, बीजेपी और नई शिवसेना के घालमेल में फंसकर, परेशान हैं. अजीत पवार के 25 नेता शरद गुट में जा मिले हैं. अजीत पवार का प्रदर्शन भी खराब रहा है, बारामती से उनकी पत्नी चुनाव हार चुकी हैं. ऐसा हो सकता है कि बीजेपी उनके साथ गठबंधन को लेकर अब विचार करे. संघ भी अजीत पवार के साथ जाने के पक्ष में खड़ा नजर नहीं आ रहा है.