मुंबई की 36 सीटों में से 20 पर उद्धव का दावा; कांग्रेस ने मांग ली 15, शरद को चाहिए 7 सीटें... आखिर कैसे बनेगी बात?
Maharashtra Assembly Elections: शिवसेना (यूबीटी) मुंबई में 20 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि कांग्रेस 15 और एनसीपी-एसपी 7 सीटों पर अपने कैंडिडेट्स उतारना चाहती है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर महा विकास अघाड़ी यानी MVA ने सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू कर दी है.
महा विकास अघाड़ी (MVA) ने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए संभावित सीट-बंटवारे के फार्मूले पर चर्चा शुरू कर दी है, जिसकी शुरुआत मुंबई से हो रही है. शनिवार को हुई बैठक में शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटों पर अपना दावा पेश किया. कांग्रेस ने 15 सीटें मांगीं, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) 7 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी. उम्मीद है कि अगले हफ़्ते होने वाली बैठक में MVA में शामिल पार्टियां सीट बंटवारे के फ़ॉर्मूले को अंतिम रूप देंगी.
2019 के विधानसभा चुनाव में तीनों पार्टियों ने मुंबई की 36 में से 20 सीटें जीती थीं, इसलिए चर्चा बाकी बची 16 सीटों के बंटवारे पर होगी. 2019 के विधानसभा चुनाव में अविभाजित शिवसेना ने 14 सीटें जीती थीं, कांग्रेस चार सीटें जीत सकी थी, जबकि अविभाजित एनसीपी और समाजवादी पार्टी ने एक-एक सीट जीती थी.
शिवसेना टूटने के बाद 14 में से 8 विधायक उद्धव के साथ
पिछले दो वर्षों में शिवसेना और एनसीपी में विभाजन के बाद, शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट के पास आठ विधायकों का समर्थन है, जबकि एनसीपी-एसपी के पास कोई भी नहीं है क्योंकि अणुशक्ति नगर से चुने गए नवाब मलिक ने अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी का साथ दिया है.
एमवीए के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि शिवसेना (यूबीटी) 20 सीटों पर चुनाव लड़ने पर अड़ी हुई है. ठाकरे गुट के एक सीनियर नेता ने कहा कि पार्टी का मानना है कि हम अपने सहयोगियों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं और इसलिए हमें शहर की 36 विधानसभा सीटों में से अधिकांश सीटें मिलनी चाहिए.
सभी 14 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है शिवसेना यूबीटी
संभावना है कि मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) को सबसे ज़्यादा सीटें मिलेंगी. एनसीपी-एसपी नेता और पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मुंबई में सीटों के बंटवारे के मामले में शिवसेना बड़ा भाई ही रहेगी. एमवीए के एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि शिवसेना यूबीटी सभी 14 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जो उसने 2019 में जीती थीं. सिवाय चंदीवली के, जिसे वो कांग्रेस से वांद्रे ईस्ट के साथ बदलने के लिए तैयार है. 2019 में शिवसेना विधायक दिलीप लांडे ने चंदीवली से चुनाव जीता था, लेकिन विभाजन के बाद उन्होंने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट का साथ देने का फैसला किया.
ठाकरे वंद्रे ईस्ट से वरुण सरदेसाई को मैदान में उतारने पर विचार कर रहे हैं, जहां से कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी जीते थे, जो अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में जाने वाले हैं. सरदेसाई पार्टी की युवा शाखा युवा सेना के सचिव और ठाकरे के भतीजे हैं.
किसने कितनी बार सीट जीती, कैंडिडेट कैसे है.. सबकुछ इस पर निर्भर
कांग्रेस नेताओं ने संकेत दिया कि वे इस आदान-प्रदान के बारे में सकारात्मक हैं, क्योंकि पार्टी चंदीवली सीट पर केवल 409 वोटों से हारी थी. सीनियर नेता आरिफ नसीम खान कांग्रेस के उम्मीदवार थे. मुंबई के एक पार्टी नेता ने कहा कि नसीम खान ने 2019 से पहले दो बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था और वे फिर से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं.
एमवीए के एक सीनियर नेता ने कहा कि हमने आज सीट बंटवारे के संभावित मानदंडों पर चर्चा की है. ये मूल रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि सीट किसने कितनी बार जीती है और उम्मीदवार की क्षमता क्या है. उन्होंने आगे कहा कि तीनों दल पिछले चुनावों में जीती गई सीटें चाहते हैं.
हालांकि तीनों दल समाजवादी पार्टी (सपा) को गठबंधन का हिस्सा बनाने के लिए तैयार हैं, लेकिन शनिवार को सीट बंटवारे की बातचीत में उसे आमंत्रित नहीं किया गया. सपा महाराष्ट्र में 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जिसमें मुंबई की दो से तीन सीटें शामिल हैं, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है. सपा अभी भी एमवीए का हिस्सा है.