महाराष्ट्र से अंधविश्वास के नाम पर एक 22 दिन के मासूम के साथ ज्यादती का मामला सामने आया है. दिल दहला देने वाले इस मामले में बच्चे के साथ इतनी क्रूरता की गई कि उसकी जान चली गई. जब नवजात को इलाज की जरूरत थी तब उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा था. आइए हम अब आपको बताते हैं कि आखिर महाराष्ट् में ये मामला किस जिले का है और हादसे की पूरी कहानी क्या है?
22 दिन के बच्चे को सांस लेने में समस्या हो रही थी. उसे ठीक करने के लिए उससे शरीर को गरम दराती से एक बार नहीं 65 बार जलाया गया. जब उसे प्राथमिक उपचार की जरूरत थी तब घर वाले अंधविश्वास के चलते उसे य़े दर्द दे रहे थे. इससे बच्चे की तबीयत और भी ज्यादा खराब हो गई. इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया. लेकिन गहरे जख्मों और तुरंत सही इलाज न मिलने की वजह से मासूम की जान चली गई.
कहां का है मामला?
आत्मा कंपा देने वाला ये मामला अमरावती जिले के चिखलदरा तालुका के सिमोरी गांव का है. यहां एक बच्चे की तबीयत बिगड़ने की वजह हालत खराब होती जा रही थी. जब उसे इलाज के नाम पर गर्म दराती से शरीर जलाकर यातना दी गई तो उसकी हालत और भी ज्यादा गंभीर हो गई. इसके बाद उसे अमरावली जिले के महिला जिला अस्पताल में एडमिट किया गया. यहां उसे मंगलवार को आईसीयू में रखा गया. लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.
पारंपरिक उपचार के नाम पर अंधविश्वास
आदिवाली मेलघाट क्षेत्र में लोग अभी भी अस्पताल जाने की जगह घरेलू इलाज की पारंपरिक प्रथाओं का पालन करते हैं. ऐसे में सही समय पर इलाज न मिलने पर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं. ऐसे में यहां काम कर रहे अधिकारियों का मानना है कि अगर ऐसे मामले रोकने हैं तो तो यहां के लोगों को वैज्ञानिक चिकित्सा उपचार के लिए जागरुक करना चाहिए.