Mahakumbh 2025: बसंत पंचमी पर अंतिम अमृत स्नान आज, RAF और PAC तैनात; चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर
प्रयागराज महाकुंभ के अवसर पर बसंत पंचमी के दिन संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं अमृत स्नान करने पहुंच रहे हैं. वहीं प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कठोर उपाय किए हैं, जिसमें लाउडस्पीकर द्वारा घोषणाएं, बैरिकेडिंग और प्रेशर प्वाइंट पर विशेष व्यवस्थाएं शामिल हैं.
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में जारी महाकुंभ 2025 में आज बसंत पंचमी के अवसर पर अंतिम अमृत स्नान का आयोजन किया जा रहा है. करोड़ों श्रद्धालु इस पावन स्नान के लिए संगम नगरी पहुंचे हुए हैं. प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण और किसी भी संभावित दुर्घटना से बचाव के लिए कड़े इंतजाम किए हैं. पूरे मेले क्षेत्र में सुरक्षा बल तैनात हैं, पैरामिलिट्री फोर्स लगातार मार्च पास्ट कर रही है और हेलीकॉप्टर से निगरानी रखी जा रही है.
सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए 'ऑपरेशन इलेवन' लागू
बता दें कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने 'ऑपरेशन इलेवन' नामक योजना लागू की है. इस योजना के तहत सोमवार को पूरे कुंभ क्षेत्र में एकल मार्ग व्यवस्था लागू की गई है, जिससे भीड़ नियंत्रण में मदद मिलेगी. त्रिवेणी घाटों पर भीड़ का दबाव कम करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है. इसके अलावा, दो कंपनियां रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और तीन कंपनियां प्रांतीय सशस्त्र बल (PAC) को भी तैनात किया गया है. प्रमुख स्नान घाटों पर ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जा रही है, जिससे किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके.
स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर, आपातकालीन सेवाएं तैयार
- महाकुंभ में किसी भी मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष इंतजाम किए हैं. महाकुंभ नगर के अस्पताल में 1200 और एसआरएन अस्पताल में 500 से अधिक मेडिकल स्टाफ तैनात किया गया है.
- एसआरएन में 200 यूनिट ब्लड बैंक स्टॉक में रखा गया है, जबकि 150 अतिरिक्त बेड रिजर्व रखे गए हैं. महाकुंभ नगर के अस्थाई अस्पतालों में 360 बेड की सुविधा दी गई है, जहां 23 डॉक्टर चौबीसों घंटे उपलब्ध हैं.
- पूरे प्रयागराज जिले के डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और 60 रेजिडेंट डॉक्टरों को 24/7 अलर्ट मोड में रखा गया है. एमआरआई, सीटी स्कैन और अन्य जरूरी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं.
आम श्रद्धालुओं के लिए खुले रहेंगे ये पुल
भीड़ नियंत्रण के चलते कुछ पंटून पुलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, जबकि वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की गई है.
- अरैल से झूंसी: पुल संख्या 28
- संगम से झूंसी: पुल संख्या 2, 4, 8, 11, 13, 15, 17, 20, 22, 23, 25
- झूंसी से संगम: पुल संख्या 16, 18, 21, 24
- झूंसी से अरैल: पुल संख्या 27, 29
श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे दिए गए मार्गों का ही उपयोग करें ताकि स्नान के दौरान अव्यवस्था न हो.
अखाड़ों के संत करेंगे अंतिम अमृत स्नान
महाकुंभ के तीसरे और अंतिम अमृत स्नान के लिए सभी प्रमुख अखाड़े अपने पारंपरिक क्रम में स्नान करेंगे. जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा, ''मौनी अमावस्या के बाद बसंत पंचमी के अवसर पर आयोजित अमृत स्नान में सभी अखाड़े पूर्व निर्धारित क्रम में सम्मिलित होंगे.'' निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर कैलाशानंद जी ने भी स्पष्ट किया कि सभी अखाड़े प्रशासनिक व्यवस्था और परंपरा का पालन करते हुए अमृत स्नान करेंगे.
श्रद्धालुओं के लिए खास अपील
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि प्रयागराज का 5 कोस का क्षेत्र ही संगम कहलाता है. उन्होंने कहा, ''श्रद्धालु फाफामऊ से अरैल तक कहीं भी स्नान करके महाकुंभ का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं. इसलिए संगम क्षेत्र में अनावश्यक भीड़ न बढ़ाएं.''
5 फरवरी को संगम में डुबकी लगाएंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी को महाकुंभ में पहुंचेंगे और संगम में स्नान करेंगे. इसे देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है. इससे पहले मौनी अमावस्या के दिन संगम नोज पर हुई भगदड़ में 30 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 60 से अधिक लोग घायल हुए थे. पीएम मोदी के आगमन के मद्देनजर अगले कुछ दिनों तक सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना रहेगा.