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India Daily

भोपाल जाते समय एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म, तीन साल की बच्ची की दर्दनाक मौत

गुना जिला अस्पताल से भोपाल के लिए रेफर की गई एक निर्दोष बच्ची की एंबुलेंस में ऑक्सीजन की कमी के कारण असामयिक मृत्यु हो गई. एंबुलेंस स्टाफ ने बच्ची को ब्यावरा सिविल अस्पताल के बाहर छोड़कर भागने का कार्य किया.

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Edited By: Ritu Sharma
Ambulance Negligence
Courtesy: Social Media

Ambulance Negligence: मध्य प्रदेश के गुना से भोपाल रेफर की गई तीन साल की बच्ची की एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म होने के कारण रास्ते में ही मौत हो गई. यह घटना शुक्रवार को ब्यावरा के पास हुई, जहां बच्ची के परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है.

परिजनों का आरोप – बैकअप सिलेंडर भी था खाली

बच्ची गुना के धरनावदा इलाके के पटना गांव की रहने वाली थी. उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे भोपाल रेफर कर दिया. परिजनों का कहना है कि जब एंबुलेंस ब्यावरा से 5 किमी दूर थी, तभी ऑक्सीजन खत्म हो गई.

  • बैकअप सिलेंडर भी खाली था, जिससे बच्ची की हालत और बिगड़ गई.
  • जब वे ब्यावरा अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया.
  • परिवार का यह भी आरोप है कि एंबुलेंस चालक ने उनका बैग बाहर फेंक दिया और मेडिकल दस्तावेज छीन लिए.

मामले में राजनीति गरमाई, कांग्रेस ने सरकार को घेरा

इस घटना पर कांग्रेस नेताओं ने सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने इसे 'सरकारी हत्या' बताते हुए ट्वीट किया, ''जो लोग जान बचाने वाले हैं, वे मासूमों की जान ले रहे हैं. जंगलराज के लिए कोई जांच, कोई सजा, कोई मुआवजा पीड़ितों के दिलों पर मरहम नहीं लगा सकता.'' वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, ''मध्य प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतर होने का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.''