MP HC Chief Justice: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमथ 24 मई को रिटायर हो गए. उन्होंने अपने फेयरवेल स्पीच में 24 मई को कई सनसनीखेज बातें कही. उन्होंने कहा कि मेरे बहुत सारे दुश्मन हैं, लोगों ने मेरे करियर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने की कोशिश की... मुझे परेशान करने के लिए तबादले किए गए. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस का फेयरवेल स्पीच अब वायरल हो रहा है.
24 मई के भाषण में उन्होंने कहा कि उनके करियर में हुए कई तबादलों के दौरान मुझे घबराहट की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि मैंने संसद के बजाए संविधान की सेवा की और उन लोगों की कड़ी आलोचना की, जिन्होंने इस कोर्ट के कामकाज को प्रभावित करने की कोशिश की.
अक्टूबर 2021 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ नियुक्त होने से पहले, जज मलिमथ जुलाई 2021 से अक्टूबर 2021 तक हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस थे. उन्होंने जुलाई 2020 से जनवरी 2021 तक उत्तराखंड हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस के रूप में भी काम किया था. उन्हें जनवरी 1987 में बेंगलुरु में एक वकील के रूप में नॉमिनेट किया गया था और उन्होंने मुख्य रूप से कर्नाटक हाई कोर्ट में संवैधानिक, दीवानी, आपराधिक, श्रम और सेवा मामलों में प्रैक्टिस की थी.
उन्होंने कहा कि आपके पास हमेशा एक विकल्प होता है कि आप संविधान की सेवा करते हैं या समुदाय की सेवा करते हैं? संविधान की सेवा करने से आपको व्यक्तिगत स्तर पर कहीं नहीं जाना पड़ता, सिवाय इसके कि आपको सही काम करने की संतुष्टि मिलती है. दूसरी ओर, समुदाय की सेवा करने से आप बहुत आगे बढ़ सकते हैं.
मलिमथ ने कहा कि मुझे कर्नाटक से उत्तराखंड ट्रांसफर कर वहां चीफ जस्टिस बनाया गया था, लेकिन मैं वहां चीफ जस्टिस नहीं बना. फिर मुझे हिमाचल प्रदेश भेज कर वहां चीफ जस्टिस बनाया गया. मैं हिमाचल में भी चीफ जस्टिस नहीं बना. फिर मुझे आखिर में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में प्रमोट किया गया. इन तबादलों से मुझे झटका लगने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मैंने इसके विपरीत किया. मैंने विंध्य, हिमाचल, यमुना और गंगा की भूमि की सेवा की है. मैंने वास्तव में भारत की सेवा की है और मैं उस अवसर के लिए धन्य हूं.
उन्होंने ये भी कहा कि कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने महीनों और वर्षों तक मेरे करियर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले बुरी तरह विफल हो गए हैं क्योंकि मैंने वह काम किया है जो देश का कोई भी चीफ जस्टिस या जस्टिस नहीं कर पाया है. वे मेरी उपलब्धियों की बराबरी कभी नहीं कर पाएंगे, चाहे वे कितनी भी कोशिश कर लें.
उन्होंने कहा कि मैं उन्हें सलाह देता हूं कि अब वे मेरे बजाय अपने जीवन पर अधिक ध्यान दें. मैं इस समय बहुत कुछ कह सकता हूं, मैं नाम बता सकता हूं और इसे अखबारों के ध्यान का केंद्र बना सकता हूं. मुझे यकीन है कि मेरे आलोचक भी चिंतित हैं और बहुत घबराहट के साथ देख रहे हैं कि मैं अपनी विदाई पर क्या कह सकता हूं. हालांकि, नैतिक रूप से दिवालिया, बेईमान और पतित लोग चर्चा के लायक नहीं हैं. वे निश्चित रूप से मेरे समय के लायक नहीं हैं.
मलिमथ ने चार्ल्स मैके की एक कविता भी सुनाई. कहा कि तुम कहते हो कि तुम्हारा कोई दुश्मन नहीं है? अफसोस, मेरे दोस्त, घमंड बहुत कम है. जो भी बहादुरों के साथ कर्तव्य की लड़ाई में शामिल हुआ है, उसने ज़रूर दुश्मन बनाए होंगे. अगर तुम्हारा कोई दुश्मन नहीं है, तो तुमने जो काम किया है, वह बहुत छोटा है. तुमने किसी देशद्रोही को नहीं मारा. तुमने झूठे होठों से कोई प्याला नहीं गिराया. तुमने कभी गलत को सही नहीं बनाया. तुम लड़ाई में कायर रहे हो. मलीमथ ने कहा कि तो मेरे बहुत सारे दुश्मन हैं, और मुझे इस पर गर्व है.