MP Assembly Election 2023 BJP Politics: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होन हैं. विधानसभाा चुनावों को लेकर बीजेपी पूराी तरह से एक्टिव मोड में नजर आ रही है. इस बीच मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने नया दांव खेलकर सभी को चौंका दिया है. तीन केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतरने के बाद अब कयास इस बात के भी लगाए जा रहे हैं कि दो और केंद्रीय मंत्री चुनावी मैदान में ताल ठोक सकते हैं. इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का नाम भी शामिल है, हालांकि अभी तीसरी सूची जारी होने में कुछ समय लग सकता है और इसके बाद ही सियासी तस्वीर साफ हो सकेगी.
बीजेपी की तरफ से मध्य प्रदेश के चुनावी समर में सांसदों और केंद्रीय मंत्रियो को उतारने के बाद चुनावी समर दिलचस्प हो गया है. वैसे तो मध्य प्रदेश में बीजेपी का वर्चस्व रहा है लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां कांग्रेस भी मजबूती के साथ उभरी थी. देखने वाली बात ये भी है कि केंद्र सरकार में मध्य प्रदेश के सांसदों को बड़ी संख्या में मंत्री पद मिले हैं जिसके बाद बीजेपी इसका लाभ भी लेना चाहती है. माना भी यही जा रहा है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी किसी तरह की कोताही नहीं करना चाहती है और यही वजह है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलदस्ते को विधानसभा चुनाव में उतार दिया गया है.
मध्य प्रदेश से दो और मंत्री बचे हैं, जिन्हें भी विधानसभा के चुनावी समर में उतरने की अटकल तेज हो गई हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को ग्वालियर-चंबल संभाग से पार्टी चुनाव लड़ा सकती है. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक भी विधानसभा चुनाव में पार्टी का बड़ा चेहरा बन सकते हैं. भला कौन भूल सकता है मध्य प्रदेश में उस सियासी उलटफेर को जब कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ा था. मध्य प्रदेश में जैसे ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था वैसे ही कमलनाथ सरकार चारों खाने चित हो गई था. वर्तमान में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्र सरकार में मंत्री हैं लेकिन विधानसभा चुनाव को लेकर अगर सिंधिया को लेकर कोई बड़ा फैसला होता है तो बीजेपी को इसका लाभ मिलने की पूरी संभावना है. वैसे इस बीच खबरें ये भी हैं कि सिंधिया समर्थक नाराज हैं जो चुनाव में बीजेपी का खेल बिगाड़ भी सकते हैं.
कहा जाता है कि सियासत संभवनाओं का खेल है. चुनावी राजनीति में प्रत्याशी का चयन है अहम है क्योंकि इससे पार्टी का माहौल बन भी सकता है साथ ही दिक्कतें भी हो सकती हैं. अब शायद यही वजह रही होगी जिसके चलते बीजेपी ने इस बार नया दावा खेलते हुए केंद्रीय मंत्री और संसदों को मैदान में उतार दिया. केंद्रीय मंत्रियों के अलावा सांसद उदय प्रताप सिंह, राकेश सिंह और गणेश सिंह भी विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. चुनावी दांवपेच के देखते हुए यहां ये कहना गलत नहीं होगा कि बीजेपी मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को बेहद गंभीरता से ले रही है.
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