Madhya Pradesh Bill: मध्य प्रदेश में गोवंश को अवैध रूप से वध के लिए स्लॉटर हाउस ले जाने वाली गाड़ियां भी अब जब्त कर ली जाएंगी. गायों को ले जाने वाले वाहनों को जब्त करने संबंधी विधेयक को मध्य प्रदेश कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है. मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने सोमवार को विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसके तहत जिला कलेक्टरों को वध के लिए गायों को ले जाने वाले वाहनों को जब्त करने का अधिकार दिया जाएगा.
मध्य प्रदेश गौहत्या प्रतिषेध अधिनियम, 2004 के मौजूदा प्रावधानों के तहत, मजिस्ट्रेट ये तय करता था कि गाय को वध के लिए ले जाया जा रहा है या अवैध व्यापार के लिए. कैबिनेट ने इसमें संशोधन के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी है. अब इस बिल को विधानसभा में पेश किया जाएगा.
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अभी तक मवेशियों के परिवहन के मामले में मवेशियों को जब्त करने का प्रावधान था, लेकिन परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों को जब्त नहीं किया जाता था, क्योंकि नियमों के तहत कलेक्टर के पास अधिकार नहीं था. उन्होंने कहा कि अब अवैध रूप से गोवंश को स्लॉटर हाउस तक ले जाने वाली गाड़ियों को पकड़े जाने के बाद जब्त करने का अधिकार भी कलेक्टर को दे दिया गया है.
मंत्री ने कहा कि जिस तरह आबकारी मामलों में जिला मजिस्ट्रेट को जब्त करने का अधिकार है, उसी तरह अब मवेशियों के परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों को जब्त करने का अधिकार कलेक्टर को दे दिया गया है.
कैबिनेट ने खुले बोरवेल के लिए जमीन मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक विधेयक को भी मंजूरी दी. मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम अक्सर देखते हैं कि बोरवेल खुले छोड़ दिए जाते हैं और बच्चे उनमें गिर जाते हैं. अब तक इसके लिए कोई निश्चित जिम्मेदारी नहीं थी. आज कैबिनेट ने जिम्मेदारी तय करने का फैसला किया है.
विजयवर्गीय ने कहा कि बोरवेल खोदने वाला व्यक्ति ही बोरवेल खोदने के बाद उसे बंद करने के लिए जिम्मेदार होगा. उन्होंने कहा कि यदि बोरिंग कराने वाले जमीन मालिक ने बोरवेल बंद नहीं किया तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि अगर कोई भी इसे बंद नहीं करता है, तो राज्य सरकार इसे बंद कर देगी और उनसे जुर्माना लगाकर इसकी लागत वसूल करेगी.
वल्लभ भवन (मंत्रालय) में आग लगने की घटना को रोकने और इसे और सुरक्षित बनाने के लिए मोहन सरकार ने तैयारी कर ली है. इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने 107 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया था.
सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई. कुल राशि का 30 फीसदी हिस्सा इलेक्ट्रिक वर्क पर खर्च होगा. साथ ही पूरे वल्लभ भवन में नए सिरे से सिविल और इंटीरियर वर्क भी होगा. इसके अलावा लिफ्ट बदला जाएगा, अलार्म सिस्टम लगाया जाएगा, सेंट्रल एसी सिस्टम तैयार किया जाएगा. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और वॉटर हार्वेस्टिंग का काम भी होगा. जिस फ्लोर पर आगजनी हुई है, उसे नए सिरे से तैयार किया जाएगा.