M T Vasudevan Nair: केरल के प्रसिद्ध मलयालम लेखक, कवि और निर्देशक एमटी वासुदेवन नायर का 91 वर्ष की आयु में बुधवार को निधन हो गया. उनका निधन कोझिकोड में हुआ. पिछले सप्ताह अस्पताल में भर्ती होने के बाद से वे हृदय रोग विशेषज्ञों और गहन देखभाल विशेषज्ञों की निगरानी में थे. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कार्यालय ने उनके निधन की पुष्टि की है, जिससे राज्य में शोक की लहर फैल गई है.
With MT Vasudevan Nair’s passing, we’ve lost a doyen of Malayalam literature who elevated our language to global heights. A true cultural icon, he captured the soul of Kerala through his timeless works. His steadfast commitment to secularism and humanity leaves behind a legacy… pic.twitter.com/2d0V7Tdgp4
— Pinarayi Vijayan (@pinarayivijayan) December 25, 2024
एमटी वासुदेवन नायर का साहित्यिक योगदान
एमटी वासुदेवन नायर मलयालम साहित्य के शिखर पर थे. उन्हें विशेष रूप से उनके उपन्यासों और नाटकों के लिए जाना जाता है, जिन्होंने केरल के साहित्यिक परिदृश्य को गहरे रूप से प्रभावित किया. उन्हें भारतीय साहित्य के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उनकी कृतियाँ सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर गहरी सोच और संवेदनशीलता को दर्शाती हैं, जो उन्हें साहित्यिक जगत में एक अमूल्य धरोहर के रूप में स्थापित करती हैं.
राज्य सरकार द्वारा शोक की घोषणा
एमटी वासुदेवन नायर के निधन के बाद, केरल सरकार ने 26 और 27 दिसंबर को राज्यभर में आधिकारिक शोक की घोषणा की है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने नायर के सम्मान में सभी सरकारी कार्यक्रमों को स्थगित करने का निर्देश दिया है, जिसमें 26 दिसंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक भी शामिल है.
नायर की धरोहर और उनका अविस्मरणीय योगदान
एमटी वासुदेवन नायर का साहित्यिक योगदान केवल केरल तक सीमित नहीं रहा; उनका प्रभाव भारतीय साहित्य में भी महत्वपूर्ण था. उनकी कृतियाँ आज भी पाठकों और साहित्य प्रेमियों के दिलों में जीवित हैं. उनके कामों ने न केवल मलयालम साहित्य को नया दिशा दी, बल्कि समग्र भारतीय साहित्य को भी समृद्ध किया। उनके निधन के बाद केरल और समग्र साहित्यिक जगत में अपूरणीय क्षति हुई है.