Jammu Kashmir Election Results 2024: लोकसभा चुनाव हारे, विधानसभा चुनाव में पलट दी बाजी; जम्मू-कश्मीर में अब्दुल्ला 'राज' लौटने की Inside Story
Jammu Kashmir Election Results 2024: 2024 लोकसभा चुनाव में उमर अब्बदुल्ला ने बारामूला से चुनाव लड़े. जेल में बंद इंजीनियर राशिद ने उन्हें हरा दिया. हार का फासला दो लाख से ज्यादा वोटों का था.
Jammu Kashmir Election Results 2024: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव शुरुआती रुझानों में अब्लुल्ला परिवार की वापसी होती दिख रही है. कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन बहुमत के करीब है. 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव में एनसी ने अच्छा प्रदर्शन किया है. अकेले दम पर पार्टी 40 सीटों पर आगे चल रही है. कांग्रेस 10 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. यह चुनाव उमर अब्बदुल्ला के लिए काफी अहम था.लोकसभा चुनाव में मिली हार के कश्मीर में पार्टी के वजूद पर सवाल खड़े होने लगे थे.
2024 लोकसभा चुनाव में उमर अब्बदुल्ला ने बारामूला से चुनाव लड़े. जेल में बंद इंजीनियर राशिद ने उन्हें हरा दिया. हार का फासला दो लाख से ज्यादा वोटों का था. ये हार उनके लिए झटका था. हालांकि उन्होंने इससे सबक लिया और जनता के बीच पहुंचे. पार्टी के कार्यकर्ताओं और बड़े नेताओं के बीच सीधा संवाद कायम किया. चुनाव के ऐलान के बाद उन्होंने खुद मोर्चा संभाल लिया.
कार्यकर्ता के समाने उतारी टोपी
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने दो जगहों से चुनाव पर्चा भरा. गांदरबल चुनावी क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र भरने पहुंचे उमर के साथ उनके दो बेटे और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे. पर्चा भरने के बाद पार्टी ऑफिस में कार्यकर्ताओं को संबोधिक किया. इस दौरान उन्होंने अपने सिर की टोपी उतार दी और वोट देने की अपील की. उमर ने लोगों से कहा कि मेरी इस टोपी की इज्जत रखना. मैं आपसे अपील कर रहा हूं. मुझे एक मौका दो. मुझे और कुछ नहीं कहना. मेरी यह टोपी सिर पर रहने देना.
कौन हैं उमर अब्दुल्ला?
उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री हैं. उमर अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी के नेता हैं. उनके पिता फारुक अब्दुल्ला और दादा शेख अब्दुल्ला राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उमर अब्दुल्ला वर्तमान में जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. 2024 लोगसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को बारामूला सीट से रशीद इंजीनियर के हाथों हार मिली थी. उमर अब्दुल्ला 2009 से 2015 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं.
पांच सदस्यों के मनोनयन को लेकर असमंजस की स्थिति
जम्मू -कश्मीर की 90 सीटों वाली विधानसभा में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को 46 सीटें जीतनी होंगी . हालांकि, पांच सदस्यों के मनोनयन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन जहां बहुमत के आंकड़े की ओर बढ़ रहा है, वहीं शुरुआती रुझानों से पता चलता है कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) दक्षिण कश्मीर में अपना गढ़ बचाने में भी विफल रही है. उमर दोनों सीटों से आगे चल रहे हैं, जबकि पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती बिजबेहरा विधानसभा क्षेत्र से नेशनल कॉन्फ्रेंस के बशीर अहमद वीरी से पीछे चल रही हैं.
रुझान यह भी बताते हैं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस श्रीनगर शहर में भारी जीत दर्ज कर रही है और शहर की आठ विधानसभा सीटों में से सात पर आगे चल रही है. जमात-ए-इस्लामी समर्थित उम्मीदवार भी विधानसभा चुनावों में अपनी छाप छोड़ने में असफल रहे हैं. प्रतिबंधित संगठन के एकमात्र विजयी उम्मीदवार सयार अहमद रेशी, कम्युनिस्ट नेता एमवाई तारिगामी से पीछे चल रहे हैं.