नई दिल्ली: कर्नाटक हाईकोर्ट ने चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने के लिए जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी है. इस दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में इलेक्शन कमीशन को झूठा हलफनामा दिया था.
Karnataka High Court has invalidated the Lok Sabha membership of JDS MP Prajwal Revanna, saying that he had filed a false affidavit to the Election Commission in the 2019 general election.
— ANI (@ANI) September 1, 2023
लोकसभा की संसद सदस्यता से ठहराया अयोग्य
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान प्रज्वल रेवन्ना के ऊपर संपत्ति घोषणा विवरण और हलफनामे में गलत जानकारी देना का आरोप है. जिसे कोर्ट ने भ्रष्ट आचरण का आधार मानते हुए लोकसभा की संसद सदस्यता से अयोग्य ठहराया है. इसके साथ ही कोर्ट ने प्रज्वल को अगले छह साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है. याचिकाकर्ता अरकलागुडु के वकील शिवानंद के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान हलफनामा दाखिल करते समय प्रज्वल ने अपनी 24 करोड़ से अधिक की इनकम छिपाई थी.
जानें क्या हैं पूरा मामला
2019 लोकसभा चुनाव में प्रज्वल रेवन्ना ने बीजेपी उम्मीदवार अरकलागुडु मंजू को हासन सीट से हराकर बड़ी जीत हासिल की थी. चुनावी नतीजों के बाद हासन लोकसभा सीट से हारने वाले बीजेपी उम्मीदवार अरकलागुडु मंजू ने 26 जून 2019 को हाई कोर्ट में याचिका दायर करके जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना की सांसद सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. बीजेपी उम्मीदवार अरकलागुडु मंजू ने याचिका में कहा था कि प्रज्वल रेवन्ना ने शपथ पत्र में गलत जानकारी देते हुए लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है. चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करते वक्त प्रज्वल रेवन्ना ने अपने चुनावी हलफनामे में इनकम की गलत जानकारी दी थी.
प्रज्वल रेवन्ना सुप्रीम कोर्ट का खटखटा सकते है दरवाजा
प्रज्वल रेवन्ना कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते है. प्रज्वल रेवन्ना पूर्व पीएम एच.डी. देवेगौड़ा के पोते हैं. प्रज्वल साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जीतने वाले JDS के एकमात्र सांसद थे. अब उनकी सांसदी रद्द होने के बाद लोकसभा में JDS का अब कोई सांसद नहीं होगा.
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