Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को नाम घोषित कर कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है. कांग्रेस को उम्मीद थी कि टीएमसी इंडिया गठबंधन में शामिल होगी और साथ मनें मिलकर चुनाव लड़ेगी. लेकिन टीएमसी उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद कांग्रेस के इरादों में पानी फिर गया है. टीएमसी ने बहरामपुर से क्रिकेट के दिग्गज यूसुफ पठान को टिकट दिया गया है, जो अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. टीएमसी ने कूचबिहार लोकसभा सीट से जगदीश चंद्र बसुनिया को उम्मीदवार बनाया गया है.
टीएमसी के द्वारा अकेले चुनाव लड़ने के लिए मैदान में आने के बाद से बीजेपी के खिलाफ पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन का अस्तित्व खत्म हो गया है. ममता बनर्जी के इस कदम के बाद अधीर रंजन ने ममता बनर्जी पर हमला बोला है. अधीर रंजन ने कहा कि पश्चिम बंगाल से 42 उम्मीदवारों की घोषणा करके ममता बनर्जी ने साबित कर दिया है कि किसी भी राजनीतिक नेता या पार्टी को उन पर भरोसा नहीं करना चाहिए.
पश्चिम बंगाल की बहरामपुर सीट से अधीर रंजन चौधरी लगातार पांच बार से सांसद हैं और ममता बनर्जी से उनका छत्तीस का आंकड़ा है. इंडिया गठबंधन में सीटों का समझौता नहीं होने के पीछे अभिषेक बनर्जी और ममता बनर्जी अधीर रंजन चौधरी को जिम्मेदार ठहराया रहे हैं. विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक अधीर चौधरी और ममता बनर्जी की पार्टी के बीच वाकयुद्ध चलते रहता है. अधीर चौधरी तृमणूल कांग्रेस पर हमला बोलते रहे हैं. राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर सवाल उठाते रहे हैं.
टीएमसी ने बहरामपुर सीट से पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान के नाम का ऐलान किये जाने पर अधीर ने कहा कि ममता बनर्जी अगर युसुफ पठान को सम्मान देना चाहती थीं, तो उन्हें राज्यसभा भेज सकती थीं. इसके अलावा यूसुफ पठान के लिए गुजरात में एक सीट मांग सकती थीं.
अधीर रंजन चौधरी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी मोदी सरकार से डर गईं हैं. सरकार के दबाव के चलते उन्होंने यह कदम उठाया है. अगर ममता बनर्जी इंडिया गठबंधन के साथ आईं तो पीएम मोदी उनके पीछे ED और CBI भेज देंगे. ममता दीदी ने ऐसा करके पीएम को बताने की कोशिश की है कि मैं बीजेपी के खिलाफ गठबंधन के साथ नहीं हूं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन को झटका दिया है. इसके बाद देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी टीएमसी अपने उम्मीदवार उतार सकती है. अगर ममता बनर्जी ऐसा करती हैं तो इसका सीधा नुकसान कांग्रे और इंडिया गठबंधन को होगा. ममती बनर्जी के इस कदम से कांग्रेस और भी परेशान हो सकती है. यही वजह भी है कि कांग्रेस और टीएमसी में इन दिनों बवाल चल रहा है.