Satna Lok Sabha Seat : सतना सीट का 'चौका' किसको देगा मौका: पटेल, कुशवाहा, ब्राम्हाण और क्षत्रिय किसकी संवारेंगे किस्मत?
Satna Lok Sabha Seat: मध्य प्रदेश की सतना लोकसभा सीट पर इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला होने वाला है. अब देखना यह है कि सतना के चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने वाली चार जातियों का इस बार किसको साथ मिलता है.
Satna Lok Sabha Seat : मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र की सतना लोकसभा सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला देखने के लिए मिल सकता है, क्योंकि कांग्रेस ने जिले के सबसे मजबूत नेता और सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को यहां से चुनावी मैदान पर उतार दिया है. सतना से बीजेपी के गणेश सिंह लगातार चार बार से सांसद हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गणेश सिंह को सतना सीट से उम्मीदवार बनाया था, जिनको कांग्रेस उम्मीदवार सिद्धार्थ कुशवाहा ने हरा दिया था.
सिद्धार्थ इसके पहले तीन बार के सतना विधायक शंकर लाल तिवारी को हराकर पहली बार 2018 में विधायक बने थे. 2023 में सिद्धार्थ कुशवाहा 4 बार के सांसद रहे गणेश सिंह को हराकर दूसरी बार विधायक बने. सिद्धार्थ पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.
सतना लोकसभा सीट का इतिहास
सतना लोकसभा सीट में पहली बार 1967 में आम चुनाव हुआ. इसमें कांग्रेस के डीवी सिंह को जीत मिली थी. इसके बाद 1971 में भारतीय जनसंघ, 1977 में भारतीय लोकदल, 1980 और 1984 में इस सीट से कांग्रेस को जीत मिली. 1989 में पहली बार बीजेपी को इस सीट पर जीत मिली. 1991 में कांग्रेस ने सतना लोकसभा से अर्जुन सिंह को टिकट दिया और उनकी बड़ी जीत हुई. 1996 में यहां बसपा प्रत्याशी ने पहली बार जीत हासिल की. वहीं 2004 से 2019 तक इस सीट पर बीजेपी के गणेश सिंह लगतार चुनाव जीतते आ रहे हैं. सतना की एक हकीकत यह भी है कि 1962 में कांग्रेस के उम्मीदवार शिवदत्त उपाध्याय के बाद यहां से कोई ब्राम्हाण सांसद नहीं बना, चुनाव लड़े जरूर हैं. सतना सीट से सबसे ज्यादा ओबीसी और क्षत्रिय सांसद बने हैं.
सतना लोकसभा सीट का जातिगत समीकरण
2011 की जनगणना के आकंड़ों को देखें तो सतना की जनसंख्या 22 लाख 28 हजार 935 है. यहां 17.88 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति और 14.36 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या है. इसके अलावा सतना में पटेल (कुर्मी वोटर), कुशवाहा (काछी), ब्राम्हण, और क्षत्रिय वोटरों की बड़ी तादात हैं. यहां हार जीत में पटेल और ब्राम्हण वोटर अहम भूमिका निभाते हैं. इनका साथ जिस उम्मीदवार को मिल जाता है वह सतना सें सांसद बन जाता है.
सतना से अर्जुन सिंह थे आखिरी कांग्रेसी सांसद
अर्जुन सिंह सतना लोकसभा सीट पर 1991 में आखिरी बार आखिरी जीतने वाले कांग्रेसी नेता थे. सीधी जिले के चुरहट के निवासी अर्जुन सिंह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके थे. अर्जुन सिंह यूपीए सरकार में 2004 से लेकर 2009 तक केंद्र सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री थे. उन्हें नेहरू-गांधी परिवार के वफादार नेताओं में गिना जाता था. सतना सीट से 1996 में भाजपा के विजय सकलेचा और कांग्रेस से अर्जुन सिंह मैदान में उतरे थे. तब बसपा के युवा चेहरा सुखलाल कुशवाहा ने अर्जुन सिंह को चुनाव हराया था और सांसद बने थे. इस बार बीजेपी सांसद के सामने जो कांग्रेस उम्मीदवार सिद्धार्थ कुशवाहा मैदान में हैं वह सुखलाल कुशवाहा के पुत्र हैं.
कौन हैं बीजेपी उम्मीदवार गणेश सिंह
गणेश सिंह सतना लोकसभा सीट से 2024 से लगातार बीजेपी से सांसद हैं. वो जिले के खम्हरिया ग्राम पंचायत के मूल निवासी है. गणेश सिंह का राजनीतिक सफर 1994 से शुरू हुआ था. 1994 में जिला पंचायत सदस्य एवं 1999 में सतना जिला पंचायत के अध्यक्ष बने. वर्ष 2004 में भाजपा के टिकट पर पहली बार सांसद चुने गए. इसके बाद वह मानव संसाधन विकास संबंधी स्थायी समिति के सदस्य रहे. 2009 में बीजेपी ने उनको फिर टिकट दिया और वो लोकसभा पहुंचे. उसके बाद 2014 और 2019 में सतना से लोकसभा चुनाव जीते. 2011-2016 तक वह बीजेपी एमपी के सचिव रहे. 2023 में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में सतना सीट से वह कांग्रेस के उम्मीदवार सिद्धार्थ कुशवाहा से चुनाव हार गए.
कौन हैं कांग्रेस उम्मीदवार सिद्धार्थ कुशवाहा
कांग्रेस उम्मीदवार सिद्धार्थ कुशवाहा वर्तमान में सतना सीट से विधायक हैं. हाल ही में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में सांसद गणेश सिंह को हराकर दूसरी बार विधायक बने हैं. सिद्धार्थ कुशवाहा सतना में डब्बू भइया के नाम से लोकप्रिय हैं. सिद्धार्थ कुशवाहा ने 2018 में विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे. फिर 2022 में कांग्रेस ने महापौर का चुनाव लड़ने के लिए उतारा था. हालांकि इस चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था. अब लोकसभा चुनाव कांग्रेस के मजबूत दावेदार के रूप में सांसद गणेश सिंह के सामने हैं. बता दें कि सिद्धार्थ कुशवाहा के पिता स्वर्गीय सुखलाल कुशवाहा ने पूर्व सीएम स्व. अर्जुन सिंह को सतना लोकसभा सीट से चुनाव हराया था.
सतना सीट से कब कौन बना सांसद
- 1967 में कांग्रेस के देवेन्द्र वी सिंह
- 1971 में भारतीय जनसंघ के नरेन्द्र सिंह
- 1977 में भारतीय लोकदल के सुखेन्द्र सिंह
- 1980 में इंदिरा कांग्रेस के गुलशेर अहमद
- 1984 में कांग्रेस के अज़ीज़ कुरैशी
- 1989 में भाजपा के सुखेन्द्र सिंह
- 1991 में कांग्रेस के अर्जुन सिंह
- 1996 में बसपा के सुखलाल कुशवाहा
- 1998 में भाजपा के रामानंद सिंह
- 1999 में भाजपा के रामानंद सिंह
- 2004 से 2019 तक भाजपा के गणेश सिंह
(लगातार तीन बार सांसद बने)