Lok Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र में वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है. वीबीए प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने मंगलवार को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में लड़ने के लिए सीटों की अपनी मांगों पर फैसला लेने के लिए एक और दिन का समय दिया.
रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रकाश आंबेडकर ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से संबंध तोड़ लिया है. महाविकास अघाड़ी गठबंधन के साथ सीट-बंटवारे की बातचीत पूरी करने के लिए एमवीए को 26 मार्च का अल्टीमेटम दिया था. उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट में कहा कि मैंने एमवीए को निर्णय लेने के लिए एक और दिन का समय दिया है. मैंने आज होने वाली अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी रद्द कर दिया है.
प्रकाश अंबेडकर ने पहले महाराष्ट्र में कुल 48 में से अपनी पार्टी के लिए 16 सीटों की मांग की थी. जबकि कांग्रेस, शिव सेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के एमवीए गठबंधन ने उन्हें चार सीटों की पेशकश की थी. वीबीए प्रमुख ने एमवीए पर पलटवार करते हुए कहा कि वे चार सीटें अपने पास ही रखें. हालांकि आंबेडकर ने इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं की है कि वे कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं.
वीबीए के प्रवक्ता फारूक अहमद ने कहा कि हमने किसी सीट की मांग नहीं की है. हमने महा विकास अघाड़ी से आग्रह किया था कि वे हमें बताएं कि उन्होंने हमें कौन-कौन सी सीटें दी हैं. जब हम गठबंधन का हिस्सा नहीं थे, तो हमने महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 26 सीटों पर चुनाव लड़ने पर ध्यान दिया था.
जब हम गठबंधन में शामिल हुए, तो हमने उन्हें 26 सीटों की सूची दी और उनसे यहीं से सीटें आवंटित करने को कहा. फिर उन्होंने हमें चार सीटों की पेशकश की जहां एमवीए के पास कोई ताकत नहीं है. इसके बाद हमने उन्हें 16 सीटों की एक सूची दी है और कहा है कि इसमें से हमें सीटें दी जाए, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.
बीवीए के सूत्रों ने बताया है कि अगर उन्हें सीटें नहीं मिलती हैं तो वे अकेले महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव लड़ेगी. हालांकि ये भी कहा गया है कि कोल्हापुर जैसी कुछ सीटों पर एमवीए का समर्थन भी कर सकती है. वीबीए के एक नेता ने कहा कि वीबीए प्रमुख पहले ही कोल्हापुर में कांग्रेस उम्मीदवार शाहू महाराज छत्रपति को समर्थन दे चुके हैं.
एमवीए बैठकों के दौरान वीबीए के मामले को आगे नहीं बढ़ाने से प्रकाश आंबेडकर शिवसेना (यूबीटी) से नाराज हैं. उधर, शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि वीबीए एमवीए का हिस्सा है.
राउत ने कहा कि प्रकाश आंबेडकर हमारे लोकतंत्र को नष्ट करने और हमारे पवित्र संविधान को कुचलने के लिए किए जा रहे प्रयासों के खिलाफ अपनी आवाज उठाते रहे हैं. वह अपने तरीके से दिल्ली शासन से लोहा ले रहे हैं. हम उनके स्वभाव को जानते हैं. वह एक स्पष्टवादी व्यक्ति हैं और खुद को पीछे नहीं रखते.
राउत ने कहा कि उनके सीधे रवैये के बारे में हर कोई जानता है. हमें विश्वास है कि वीबीए और प्रकाश आंबेडकर इस देश के लोगों को विभाजित करने की कोशिश करने वाले मौजूदा शासकों को हटाने के लिए एमवीए के साथ बने रहेंगे.