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Lok Sabha Elections 2024: नारायण त्रिपाठी चौथी बार पार्टी बदलकर BSP में पहुंचे, सतना से BJP के गणेश सिंह के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव

Lok Sabha Elections 2024 : मध्य प्रदेश की सतना लोकसभा सीट पर अब मुकाबला कड़ा होने वाला है. यहां मैहर के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी बीएसपी की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.

Pankaj Soni

Lok Sabha Elections 2024 : मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र के मैहर के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी अब हाथी पर सवार हो गए हैं. उन्होंने चौथी बार पार्टी बदली है. इसके पहले वह साइकिल की सवारी कर, कांग्रेस में गए वहां से बीजेपी में गए और अब बीएसपी में शामिल हो गए हैं. इसके साथ ही नाराणयण त्रिपाठी बसपा की टिकट से सतना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. सतना से बीजेपी के मौजूदा सांसद गणेश सिंह से नारायण त्रिपाठी की दुश्मनी जग जाहिर है.

ऐसे में साफ है कि नारायण त्रिपाठी बीजेपी के ब्राम्हाण वोट पर सेंध लगाने का काम करेंगे. इससे कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा का काम आसान हो सकता है, लेकिन नारायण त्रिपाठी के चुनावी मैदान में कूदने से सतना में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. अब बीजेपी के लिए यह सीट जीतनी उतनी आसान नहीं रह गई जितनी एक महीने पहले लगती थी. 

6 महीने पहले बीजेपी में थे नारायण त्रिपाठी

नारायण त्रिपाठी विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी में थे, लेकिन पार्टी के खिलाफ बयानबाजी के चलते उनको बीजेपी ने टिकट नहीं दिया था. इसके बाद नारायण त्रिपाठी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने विंध्य जनता पार्टी भी बनाई थी. इसके 25 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे, लेकिन कोई नहीं जीत पाया था. इसके बाद त्रिपाठी ने एक बार फिर से पाला बदल लिया है.  


कैसा रहा नारायण त्रिपाठी का राजनीतिक सफर

नारायण त्रिपाठी ने अपने राजनीति सफर की शुरुआत 2003 में की थी. समाजवादी पार्टी से अपने करियर की शुरुआत कर वह मैहर से पहली बार विधायक बने थे. इसके 10 साल बाद वे सपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए और दूसरी बार भी विधायक बने. 2013 के चुनाव के 3 साल बाद ही वे बीजेपी में शामिल हो गए. इसके साथ ही उपचुनाव में फिर विधायक बनने में सफल रहे.

बसपा से सतना लोकसभा प्रत्याशी बने त्रिपाठी

बसपा ज्वाइन करने के साथ ही पार्टी ने नारायण त्रिपाठी को सतना लोकसभा सीट से सांसदी लड़ने के लिए टिकट दे दिया. सतना सीट की बात करें तो बीएसपी यहां पर 9 चुनावों में केवल एक बार जीत का स्वाद चख पाई है. साल 1996 में बसपा के सुखलाल कुशवाहा ने यहां से जीत दर्ज की थी.