Mandla Lok Sabha Seat : मध्यप्रदेश में आदिवासियों के लिए सुरक्षित मंडला लोकसभा सीट 'हारे के लिए सहारा' बनती नजर आ रही है. बीजेपी ने इस सीच पर पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को एक बार फिर से लोकसभा के लिए टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और चार बार के विधायक ओंकार सिंह मरकाम को मैदान में उतारा है.
मंडला संसदीय सीट की बात करें तो कान्हा नेशनल पार्क के बाघों के लिए यह दुनिया भर में प्रसिद्ध है. मंडला लोकसभा सीट में 8 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें शाहपुरा, निवास, मंडला, डिंडौरी, बिछिया, केवलारी, लखनादौन और गोटेगांव शामिल हैं.
देश में पहले आम चुनाव में मंडला लोकसभा सीट थी. 1952 में आम चुनाव में कांग्रेस के मंगरुबाबू उईके ने जीत दर्ज कराई थी. मध्यप्रदेश के गठन के बाद मंडला में पहली बार 1957 में चुनाव हुए तब से इस सीट पर 9 बार कांग्रेस और 6 बार बीजेपी ने जीत हासिल की. मंडला सीट पर एक बार जनता पार्टी भी जीत दर्ज करा चुकी है. कांग्रेस के मंगरुबाबू उईके ने 1957,1962, 1967 और 1971 में लगातार जीत हासिक की. वहीं 1977 के आम चुनाव में कांग्रेस को यहां हार मिली. आपातकाल के बाद हुए चुनाव में जनता पार्टी जीती, लेकिन 1980 में फिर कांग्रेस ने वापसी की और 1991 तक जीत दर्ज कराती गई. 1996 से लेकर 2004 तक बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते ने लगातार चुनाव जीतते रहे. 2009 में यहां कांग्रेस ने जीती. 2014 और 2019 में मोदी लहर के सामने यहां कांग्रेस नहीं टिक पाई. भाजपा के प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते ने दोनों चुनावों में जीत हासिल की.
मध्यप्रदेश में मंडला आरक्षित आदिवासी सीट है. मंडला आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जो डिंडौरी, मंडला, सिवनी और नरसिंहपुर जिलों में फैला है. 2011 की जनगणना के अनुसार, इस क्षेत्र की कुल जनसंख्या 2,758,650 है, जिसमें से 91.3% ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं. अनुसूचित जाति (एससी) की जनसंख्या 7.67% और अनुसूचित जनजाति (एसटी) की जनसंख्या 52.54% है. मंडला सीट पर पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है. इस सीच पर 50 फीसदी से अधिक आदिवासी मतदाता हैं, जो यहां हार-जीत में अहम भूमिका निभाते हैं. मंडला लोकसभा सीट 3 जिलों मंडला डिंडोरी और सिवनी जिले में फैली है. 2019 के मतदाता आंकड़ों के अनुसार मंडला और डिंडौरी जिले की सभी पांच विधानसभा सीटों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले 12 हजार से ज्यादा हैं.
फग्गन सिंह कुलस्ते मध्यप्रदेश में बड़े आदिवासी नेता माने जाते हैं. कुलस्ते मोदी सरकार में केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उनको उम्मीदवार बनाया था. इस चुनाव में कुलस्ते को हार का सामना करना पड़ा था. इसके पहले 2014 और 2019 में मोदी लहर में फग्गन सिंह कुलस्ते दो बार लगातार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं. इसके पहले 1996 से लेकर 2004 तक कुलस्ते मंडला से सांसद रह चुके हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में कुलस्ते ने कांग्रेस के कमल मरावी को हराया था. सातवीं बार सांसद बने कुलस्ते को 7 लाख 37 हजार 266 वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस के कमल मरावी को 6 लाख 39 हजार 592 वोट मिले थे. कुलस्ते ने कांग्रेस के कमल सिंह मरावी को 97 हजार 674 वोटों के अंतर से हराया था.
ओंकार सिंह मरकाम मंडला संसदीय क्षेत्र से डिंडौरी से वर्तमान विधायक हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कुलस्ते के खिलाफ ओंकार सिंह मरकाम इसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें उनको हार का सामना करना पड़ा था. साल 2008 से लगातार 4 बार डिंडौरी से विधायक बने ओमकार सिंह छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय हैं. ओंकार को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है. 2023 में उनको कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति में सदस्य के तौर पर शामिल किया गया था. मरकाम मंडला लोकसभा क्षेत्र से दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरेंगे.