Mandi Lok Sabha Seat : लोकसभा चुनाव 2024 में हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट एकाएक चर्चा में आ गई है. इसकी वजह है अभिनेत्री कंगना रनौत का बीजेपी से यहां से लोकसभा चुनाव लड़ना. मंडी से कंगना का नाम आते ही लोगों की नजरें इस सीट पर टिक गईं हैं और यह हॉट सीट बन गई है. इस सीट पर कंगना का सीधा मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार के साथ होगा. मंडी लोकसभा सीट हिमाचल प्रदेश की चार सीटों में से एक है.
जनसंख्या के लिहाज से शिमला के बाद मंडी दूसरा सबसे बड़ा जिला है. अगर पर्यटन के लिहाज से इसको देखें को मंडी को मंडी 'वाराणसी ऑफ हिल्स' या 'छोटी काशी' या 'हिमाचल की काशी' कहा जाता है. देश में 1952 में पहले आम चुनाव के दौरान यह सीट अस्तित्व में थी.
इस लोकसभा सीट में 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. मंडी लोकसभा सीट कुल्लू, लाहौर स्पीति से लेकर किन्नौर और चंबा जिले तक फैली है. शुरुआती लोकसभा चुनावों में इस सीट पर राज परिवारों का दबदबा था. मंडी लोकसभा सीट को पहले मंडी महासू सीट के नाम से जाना जाता था. इस लोकसभा सीट पर अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव और दो बार उपचुनाव हुए हैं और इसमें से 13 बार राज परिवार को लोगों की जीत हुई है.
मंडी लोकसभा सीट पर 1951 से अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें से 11 बार कांग्रेस को जीत मिली है. इस सीट पर 5 बार बीजेपी जीती है तो 1 बार इस सीट पर बीएलडी ने कब्जा जमाया था. साल 2013 में इस सीट पर उपचुनाव कराए गए थे तब कांग्रेस की उम्मीदवार प्रतिभा सिंह ने जीती थीं. 2021 में एक बार फिर मंडी सीट पर उपचुनाव हुए तो उस वक्त भी प्रतिभा सिंह ही जीती थीं.
मंडी लोकसभा सीट को लेकर कहा जाता है कि इस सीट पर जिस पार्टी का उम्मीदवार जीतता है केंद्र में उसी पार्टी की सरकार बनाती है. अब तक के 17 लोकसभा चुनाव का ट्रेंड कुछ इसी तरह का इशारा करते हैं. 1951-52 के आम चुनाव से लेकर 2019 लोकसभा चुनाव तक ये सिलसिला जारी है. इस सीट पर दो बार उपचुनाव हुआ है और दोनों बार कांग्रेस की प्रतिभा सिंह ने ही जीत हासिल की है.
लोकसभा चुनाव 2019 के मुताबिक मंडी सीट पर कुल 12,81,462 मतदाता थे. इस चुनाव में 17 उम्मीदवार मैदान में थे. इस सीट पर राजपूत और ब्राह्मण नेताओं का दबदबा है. इस सीट पर पहले लोकसभा चुनाव में एससी उम्मीदवार गोपी राम की जीत हुई थी. इसके बाद हर बार सांसद राजपूत या ब्राह्मण बना है. कुछ मौके ऐसे भी आए जब दो राजपूत चेहरे आमने-सामने थे. इसी तरह राजपूत मतदाता सबसे अधिक हैं, उसके बाद ब्राह्मण, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वोटर आते हैं.
मंडी लोकसभा सीट पर मंडी, कुल्लू, लाहुल स्पिति, किन्नौर, शिमला और चंबा जिलों के 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. यहां 33.6 फीसदी राजपूत, 29.85 फीसदी अनुसूचित जाति के वोटर हैं. तीसरे नंबर पर 21.4 फीसदी ब्राह्मण वोट हैं. इस सीट पर हमेशा ही राजपूतों और ब्राह्मणों का कब्जा रहा है. सिर्फ एक बार देश के पहले चुनाव में दलित को यहां से सांसद बनने का मौका मिला था. मंडी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले 17 विधानसभा क्षेत्रों में से पांच विधानसभा क्षेत्र रामपुर, आनी, बल्ह, नाचन व करसोग अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं.