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Lok Sabha Elections 2024: 7 दिन में 16000 से ज्यादा कांग्रेसियों ने थामा 'कमल' का दामन, कैसे मध्य प्रदेश में कांग्रेस को निगल रही बीजेपी

Lok Sabha Elections 2024: अगर भारतीय जनता पार्टी के दावे सच हैं तो लोकसभा चुनाव से पहले ये कांग्रेस के लिए सबसे बुरी खबर हो सकती है. हालांकि अभी तक कांग्रेस पार्टी भाजपा के इस दावे का खंडन कर रही है, लेकिन बेचैनी भी है.

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Edited By: India Daily Live
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Lok Sabha Elections 2024: वैसे तो चुनाव आते ही राजनीतिक दलों में दल बदल का खेल शुरू हो जाता है. कभी कोई बड़ा नेता अपना पाला बदल लेता है तो कही कुछ कार्यकर्ता एक साथ पार्टी छोड़कर दूसरे दल का दामन थाम लेते हैं. लेकिन मध्य प्रदेश से जो खबर सामने आ रही है वो चौंकाने वाली है. दावा किया जा रहा है कि भाजपा एमपी में बड़े स्तर पर कांग्रेस से पलायन कराने की योजना बना रही हैं. 

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भोपाल से भाजपा के पूर्व पार्षद संजय वर्मा इस समय कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से फोन पर लगातार पर बातें कर रहे हैं. उन्होंने एक्सप्रेस को बताया है कि आने वाले दिनों में कुछ ऐसा होने वाला है, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी.

पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नेतृत्व में बनी है ज्वॉइनिंग कमेटी

उन्होंने कहा कि मैंने भोपाल नगर निगम में पांच साल तक काम किया. इन दिनों मैं उन कांग्रेस नेताओं का फैसला करता हूं जो हमारी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं. मैं न्यू ज्वाइनिंग कमेटी का सदस्य हूं. मैं ये तय करता हूं कि कौन-सा कांग्रेसी सच्चा 'राम भक्त' है और कौन अवसरवादी है. पिछले दो महीनों में राज्य के पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता वाली समिति कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल करने में जुटी हुई है. 

समिति के आंकड़ों के अनुसार 21 मार्च से होली के बाद तक 16,111 कांग्रेस नेता-कार्यकर्ता, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं. संजय वर्मा ने दावा किया है कि सदस्यता के मामले में एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा. 

कैसे होता है नई सदस्यता लेने वालों का फैसला?

राज्य के हर जिले में एक ज्वाइनिंग कमेटी बनाई गई है, जिसमें तीन सदस्य होते हैं. इनमें एक सांसद, विधायक और एक अन्य वरिष्ठ पार्टी नेता शामिल होते हैं. नामों की स्क्रीनिंग के बाद पैनल सीएम मोहन यादव, राज्य भाजपा प्रमुख वीडी शर्मा और नरोत्तम मिश्रा की एक टीम को एक सूची भेजता है. इसके बाद राज्य नेतृत्व फैसला लेता है. बड़े नामों के लिए ये रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जाती है. 

उधर, कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा झूठ बोल रही है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया ने कहा कि हमारे पास 90 लाख कार्यकर्ता हैं, जो पार्टी की आधिकारिक लिस्ट में हैं. भाजपा अपने आंकड़ों को लेकर झूठ बोल रही है. कांग्रेस ने कहा है कि हमारी संख्या के अनुसार पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की वास्तविक संख्या करीब 600 है. भाजपा गुप्त उद्देश्यों के लिए अपनी संख्या के बारे में झूठ बोल रही है.

पार्षद से लेकर सांसद तक ने की भाजपा ज्वॉइन

हालांकि ये स्पष्ट है कि कांग्रेस को संगठनात्मक रूप से तोड़ना मध्य प्रदेश में भाजपा का मुख्य उद्देश्य है, जहां 19 अप्रैल से शुरू होने वाले पहले चार चरणों में मतदान होगा. पिछली बार पिछड़ने के बाद इस बार भाजपा ने सभी 29 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य बनाया है. 

सत्तारूढ़ दल के आंकड़े, यदि सटीक हैं तो कांग्रेस को एक निराशाजनक तस्वीर देखनीपड़ सकती है. भाजपा का दावा है कि शामिल होने वालों में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री, सात पूर्व विधायक और करीब 2,000 नेता शामिल हैं, जो पार्षद, जिला इकाई अध्यक्ष, महासचिव, आईटी सेल, महिला मोर्चा प्रमुख, प्रवक्ता, एक मौजूदा मेयर जैसे पदों पर थे. भाजपा के अनुसार कांग्रेस के करीब 12,000 बूथ कार्यकर्ता दलबदल कर चुके हैं.

संजय वर्मा ने कहा कि हमारा मेन फोकस बूथ स्तर के कार्यकर्ता हैं. कुछ हफ्ते पहले ऐसी अफवाहें थीं कि कमल नाथ पार्टी में शामिल होने वाले हैं. इसने हमारे पक्ष में काम किया, क्योंकि कई नेताओं ने यही सोचकर कांग्रेस को छोड़ा थी. इसके अलावा कमल नाथ के सभी प्रमुख नेता इस वक्त भाजपा में हैं. वर्मा ने कहा कि राज्य में 60 हजार बूथ हैं. अगर दो कार्यकर्ता भी कांग्रेस छोड़ेंगे तो 1.2 लाख कार्यकर्ता पार्टी छोड़ देंगे. इसके बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस नष्ट हो जाएगी. 

भाजपा का कहना है कि 34 जिलों से दलबदल हुआ 

भाजपा पैनल के आंकड़े कहते हैं कि अब तक राज्य के 55 जिलों में से 34 जिलों में टारगेट है. शाजापुर में 2,500, छिंदवाड़ा में 2,111, नर्मदापुरम में 1606 और विदिशा में 1103 नेताओं ने कांग्रेस छोड़ दी है. शाजापुर में कांग्रेस जिला अध्यक्ष योगेन्द्र सिंह बंटी अपने कई समर्थकों के साथ भाजपा में चले गए.