Krishnagiri Lok Sabha Seat : लोकसभा चुनाव 2024 में चंदन तस्कर और डाकू वीरप्पन की बेटी विद्या रानी तमिलनाडु के कृष्णगिरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी. विद्या इस सीट पर नाम तमिलझार काची (NTK) की टिकट पर चुनाव मैदान पर होंगी. उन्होंने हाल ही में बीजेपी छोड़ी है. विद्या रानी ने जुलाई 2020 में BJP ज्वाइन किया था.
तब उनको तमिलनाडु बीजेपी युवा शाखा का उपाध्यक्ष बनाया गया था. विद्या नाम तमिलझार काची पार्टी (NTK) से चुनाव लड़ेंगी. इस सीट पर विद्या का कांगेंस के के. गोपीनाथ से मुकाबला होगा. साथ ही डीएमके और बीजेपी के उम्मीदवारों से मुकाबला होगा.
तमिलनाडु की कृष्णागिरि सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है. अब तक के चुनावों में यहां कांग्रेस पार्टी का पलड़ा भारी दिखता है. कांग्रेस यहां अभी तक 9 बार चुनाव जीती है. वहीं डीएमके 5 बार जबकि एआईएडीएमके 3 बार और 1 बार तमिल मनीला कांग्रेस के प्रत्याशी ने चुनाव जीता था. 2019 में कांग्रेस पार्टी के ए. चेल्लाकुमार ने यहां से लोकसभा का चुनाव जीता था. 2014 में एआईएडीएमके के अशोक कुमार ने यहां से जीत दर्ज की थी. कृष्णागिरि शहर बेंगलुरु से 90 किलोमीटर दूर है. यह क्षेत्र अल्फांसो आम के लिए प्रसिद्ध है. यहां ग्रेनाइट के पत्थर पाये जाते हैं. इन्हीं पत्थरों के चलते इस क्षेत्र को कृष्णागिरि कहा जाता है.
2011 की जनगणना के अनुसार कृष्णागिरी लोकसभा की पॉपुलेशन में 91.70 फीसदी हिंदू, 6.13 फीसदी मुसलमान, 1.91 फीसदी किश्चियन हैं. बाकी अन्य धर्म के लोग हैं. यहां एससी वर्ग की संख्या 15 फीसदी है. इस लोकसभा सीट पर 6 विधानसभा की सीटें हैं. इनमें उथंगराई, बर्गर, कृष्णगिरि, वेपन्नाहाली, होसुर और थल्ली हैं. यहां की भाषा तमिल के साथ साथ कन्नड़ भी है. यहां कई मंदिर भी हैं, जिसकी वास्तुकला प्रसिद्ध है. प्रसिद्ध मंदिरों में चंद्रचूड़ेश्वर मंदिर है. वहीं यहां के कृष्णागिरि बांध भी पर्यटन के लिए मशहूर है.
विद्या रानी कुख्यात डाकू वीरप्पन की बेटी हैं. यह उनकी बड़ी पहचान है. इसके बाद वह पेशे से वकील और एक्टिविस्ट हैं. आदिवासियों और दलितों के हित के लिए काम करती हैं. विद्या BJP में शामिल होने के बाद जपा यूथ ब्रिगेड की उपाध्यक्ष बनी थीं, लेकिन हाल ही में अभिनेता- निर्देशक सीमान के नेतृत्व वाले एनटीके में शामिल होने के लिए उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. विद्या रानी ने वीवी पुरम लॉ कॉलेज से वकालत किया है. वह कृष्णागिरि इलाके में बच्चों के लिए एक स्कूल चलाती हैं. दलित और आदिवासियों के लिए काम करती हैं.