Lok Sabha Elections 2024: आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करना शुरू कर चुकी हैं, हालांकि बीजेपी को हराने के लिए एकजुट हुए विपक्षी गठबंधन INDIA को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य की सभी 42 सीटों पर अपने कैंडिडेट्स के नाम की घोषणा कर दी.
उल्लेखनीय है कि बीजेपी को सत्ता से दूर करने के लिए देश की 28 पार्टियां एक साथ आई और इंडिया गठबंधन का निर्माण किया. इस गठबंधन से अलग होने की शुरुआत उन्होंने ही की जिन्होंने इसे बनाने की मुहिम का आगाज किया था. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जैसे ही इंडिया गठबंधन का साथ छोड़ा उसके बाद से ही पार्टी की दरारें नजर आने लगीं. हालांकि सीट शेयरिंग को लेकर पहले ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि इस मुद्दे पर क्षेत्रीय पार्टियां गठबंधन छोड़ कर अलग हो जाएंगी.
नीतीश कुमार के बाद पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी ने भले ही गठबंधन छोड़ने या उससे अलग होने की कोई बात नहीं कही हो लेकिन उन्होंने पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर साफ कर दिया कि वो सीट शेयरिंग के मूड में नहीं है. ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की उन सीटों पर भी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जहां पर कांग्रेस ने पिछले चुनावों में जीत हासिल की.
ममता बनर्जी के इस रुख के बाद अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि दूसरे राज्यों में भी ऐसा ही देखने को मिल सकता है और पश्चिम बंगाल के बाद इस तर्ज पर चलने वाला अगला राज्य जम्मू-कश्मीर बन सकता है. इंडिया गठबंधन को लेकर जब नेशनल कॉन्फ्रेस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हम ममता बनर्जी के रास्ते पर नहीं चलना चाहते हैं लेकिन अगर वो (कांग्रेस) हमारी मांगे नहीं मानते हैं तो हमारे पास कोई दूसरा चारा भी नहीं होगा.
जेकेएनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'हम जिद्दी नहीं हैं, अगर हम जिद्दी होते तो ममता बनर्जी की तरह सभी 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर देते... हम पश्चिम में 50% सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतार रहे हैं. बंगाल में कांग्रेस ने जो सीटें जीती थीं, वो सीटें ममता बनर्जी ने कांग्रेस के लिए नहीं छोड़ीं. हम 3 सीटों पर कांग्रेस से समझौता करने को तैयार हैं...'
#WATCH | JKNC Vice President Omar Abdullah says, "We are not rigid, if we were rigid then we would have declared our candidates on all 6 seats like Mamata Banerjee..We are not fielding our candidates on 50% of the seats...In West Bengal, Mamata Banerjee did not leave for Congress… pic.twitter.com/NIpUOrIxUO
— ANI (@ANI) March 11, 2024
जहां एक ओर उमर अब्दुल्ला राज्य की 6 में से 3 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रहे हैं तो वहीं पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन के उनके सीट मांगने के दावे पर ही सवाल खडे़ कर रहे हैं. सज्जाद लोन ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि उमर को पता होना चाहिए कि पिछले चुनावों में उन्हें 15-16 लाख वोटों में से उन्हें केवल 40,000 वोट मिले थे जो कि बड़ी बात नहीं है.
उन्होंने कहा, 'मैं किसी के बारे में कुछ नहीं कहता लेकिन वह (उमर अब्दुल्ला) जो अहंकार दिखाते हैं, उससे पता चलता है कि मैं पहले आया था. उन्हें पता होना चाहिए कि 15-16 लाख वोटों में से उन्हें केवल 40,000 वोट मिले और यह कोई बड़ी बात नहीं है.'
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी गठबंधन को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि हम कश्मीर में 37A को वापस दिलाने के लिए साथ आए थे और पीएजीडी बनाया था लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हमारी पार्टी से बिना किसी राय मशवरा के ऐलान कर दिया कि वो तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'उमर अब्दुल्ला ने खुद कहा था कि वे गठबंधन में नहीं हैं. हम चाहते थे कि पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) जारी रहे लेकिन हर कोई जानता है कि इसे किसने खत्म किया. हम कांग्रेस से बात करेंगे. हम INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं और देखते हैं कि कैसे आगे बढ़ना है.'
उल्लेखनीय है कि उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि एक पार्टी (पीडीपी) जिसने 2019 के लोकसभा चुनावों में तीसरा स्थान हासिल किया था, वह लोकसभा चुनावों मे हिस्सेदारी मांगने की कोशिश कर रही है. इस सवाल के जवाब में मुफ्ती ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला भी साल 2014 में लोकसभा चुनाव हार गए तो इसका मतलब यह है कि वह फिर कभी चुनाव नहीं लड़ सकते? उमर अब्दुल्ला भी पहले एक चुनाव हार चुके हैं. जीत और हार इसका हिस्सा हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि कोई चुनाव नहीं लड़ सकता.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में भले ही फिलहाल नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने INDIA गठबंधन को अपना समर्थन देना जारी रखा हुआ है लेकिन मौजूदा समय में जिस तरह से इन दलों के अध्यक्ष की ओर से बयानबाजी जारी है उससे साफ है कि आने वाले समय में ये दल भी ममता की तर्ज पर चलती नजर आएंगी और कांग्रेस का एकजुट होकर बीजेपी को हराना महज सपना बनकर रह जाएगा.