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Lok Sabha Elections 2024: AI से Deepfake, Voice Cloning तक; लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजनीतिक पार्टियों के नए हथियार

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में राजनीतिक पार्टियों को चुनाव प्रचार के लिए कुछ नए हथियार मिले हैं. इनमें डीपफेक, वॉयस क्लोनिंग के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शामिल है. 2024 के चुनावों में इन आधुनिक हथियारों का उपयोग निर्णायक साबित होगा या नहीं, ये फ्यूचर में पता चलेगा, लेकिन राजनीतिक पार्टियां इन हथियारों का बड़े पैमाने पर यूज करने जा रहीं हैं.

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Edited By: India Daily Live
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Lok Sabha Elections 2024: 23 जनवरी 2024 को द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) के एक विंग ने एख सम्मेलन का आयोजन किया था. इसमें पार्टी के आइकन और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि को भाषण देते देखा गया था, जबकि 2018 में उनका निधन हो चुका है. ये सबकुछ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का कमाल था. एम करुणानिधि अपने 82 साल के मित्र और साथी राजनेता टीआर बालू को उनकी बुक के लॉन्च पर बधाई देने के लिए एक बड़ी स्क्रीन पर समर्थकों के सामने लाइव थे. 

दरअसल, बड़े स्क्रीन पर एम करुणानिधि को दिखाए, जाने का मतलब उनके न रहते हुए, उनकी बातों को समर्थकों तक पहुंचाना था. कुछ ऐसा ही इस बार के लोकसभा चुनाव में चुनाव प्रचार के दौरान दिख सकता है. हो सकता है कि कोई नेता भोपाल में हो और एक कार्यक्रम रांची में आयोजित किया गया हो और नेता के भोपाल में रहते हुए भी उनकी मौजदूगी रांची वाले कार्यक्रम में हो. ये सब वर्चुअली नहीं बल्कि AI के जरिए होगा.

2014 में सोशल मीडिया की तरह 2024 में निर्णायक होगा AI?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा चुनावों में डीपफेक, वॉयस क्लोनिंग के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के यूज की पूरी संभावना है. 2024 के चुनावों में AI संभावित रूप से ठीक उसी तरह निर्णायक साबित हो सकता है, जैसे 2014 के चुनावों में सोशल मीडिया था. जैसे-जैसे लोकसभा चुनावों के लिए चुनावी मैदान गर्म होता जा रहा है, राजनीतिक दलों को AI, डीपफेक, वाइस क्लोनिंग के रूप में एक नया हथियार मिल गया है. स्पेशलिस्ट्स का मानना ​​है कि 2024 के चुनाव में AI का यूज बड़े पैमाने पर किया जाएगा और संभवतः 2014 के चुनावों में सोशल मीडिया की तरह एक निर्णायक कारक होगा. 

इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक राजनीतिक पार्टियों ने इन हथियारों का यूज भी किया है. इनका यूज राजनीतिक पार्टियों ने अपनी विरोधी पार्टियों पर निशाना साधने के लिए किया था. आइए, जानते हैं.

  • 16 मार्च को भाजपा ने एक डीपफेक वीडियो अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया था, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी दिख रहे थे और वे कह रहे थे कि मैं कुछ नहीं करता.
  • भाजपा ने हाल ही में एक और डीपफेक वीडियो शेयर किया था, जिसमें विपक्षी नेताओं ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव की आवाज का AI के जरिए यूज किया गया था. 
  • इससे पहले, कांग्रेस के आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल ने प्रधानमंत्री मोदी का एक डीपफेक वीडियो शेयर किया गया था. वीडियो में एक सिंगर के फेस पर पीएम मोदी का चेहरा लगाया गया था. 
  • फरवरी में, तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी AIADMK के ऑफिशियल हैंडल की ओर से पार्टी की दिग्गज नेता जे जयललिता (2016 में निधन) का एक वाइस मैसेज शेयर किया गया था, जिसमें उन्होंने लोगों से अपने वर्तमान नेता एडप्पादी पलानीस्वामी का समर्थन करने का आग्रह किया. 
  • पिछले साल तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से पहले, तेलंगाना कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल पर बीआरएस नेता केटी रामा राव का एक डीपफेक शेयर किया गया था, जिसमें कथित तौर पर जनता से उनकी पार्टी के खिलाफ वोट करने का आग्रह किया गया था.

कैसे होगा वॉयस क्लोनिंग का यूज?

AI की मदद से तैयार किए गए राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की वॉयस क्लोन का यूज वोटर्स को लुभाने के लिए, नेताओं का संदेश भेजने के लिए किया जा सकता है. AI का बेहतर यूज कैसे किया जाए, इसे लेकर कई राजनीतिक पार्टियां इसके स्पेशलिस्ट्स से भी मिल रहीं हैं.

पिछले साल डीपफेक वीडियो पर काफी बवाल होने के बाद पीएम मोदी ने भी सोशल मीडिया का यूज सोच समझकर करने की अपील की थी. अब चुनाव में इसी डीपफेक के जरिए राजनीतिक पार्टियां अपने प्रतिद्वंदियों पर निशाना साधते दिखेगी. उधर, चुनाव आयोग की ओर से फिलहाल AI जनरेटेड कंटेंट को लेकर कोई दिशा निर्देश नहीं जारी किया गया है.