Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगता दिख रहा है. खबर है कि राजस्थान कांग्रेस के दो कद्दावर नेताओं ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. दोनों नेताओं ने लोकसभा चुनाव में चुनावी ताल ठोंकने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. इन दो नेताओं में अशोक गहलोत और सचिन पायलट शामिल हैं. वहीं, इनके अलावा भी एक और नाम है, जिसके इनकार के बाद कांग्रेस में खलबली मच गई है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने दावा किया है कि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. पिछले हफ्ते ही कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक हुई थी, जिसमें कर्नाटक की गुलबर्गा लोकसभा सीट पर भी चर्चा हुई थी. ये सीट मल्लिकार्जुन खड़गे की पारंपरिक सीट है. हालांकि, वे इस सीट से 2019 के लोकसभा चुनाव में हार गए थे. इससे पहले 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें यहां से जीत हासिल हुई थी. 2019 में हार के बाद 2020 में वे राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे. तब से वे सदन में विपक्ष के नेता हैं.
पिछले हफ्ते जब इस सीट पर उम्मीदवारी को लेकर चर्चा हुई थी, तब खड़गे के नाम पर आम सहमति भी बनी थी. लेकिन अब खबर है कि वे चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं. खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के मंत्रिमंडल में मंत्री हैं. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि वे लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के करीबी सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि मल्लिकार्जुन खड़गे की जगह उनके दामाद राधाकृष्णन डोड्डामणि को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है.
लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से तो कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन खड़गे कह चुके हैं कि वे एक निर्वाचन क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहना चाहते बल्कि पूरे देश पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं. इस बयान से भी आशंका जताई जा रही है कि वे लोकसभा चुनाव न लड़ें. पिछले कुछ महीने पहले INDIA ब्लॉक की बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खड़गे को गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किए जाने का प्रस्ताव दिया था. हालांकि, तब खड़गे ने ये कहते हुए मना कर दिया था कि चुनाव खत्म होने के बाद इस मामले पर चर्चा की जानी चाहिए.
खड़गे के अलावा, कांग्रेस के सीनियर नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट के भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के संकेत मिले हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत, जालोर से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं. दरअसल, कांग्रेस नेताओं ने पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की दूसरी बैठक में विचार-विमर्श के आधार पर सोमवार को दोनों नेताओं के चुनाव नहीं लड़ने की ओर इशारा किया.
CEC की बैठक में गहलोत और पायलट दोनों को विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर आने को कहा गया था, लेकिन गहलोत नहीं आये. यहां तक कि उनकी गैरमौजूदगी में भी इस बात पर बहस चल रही थी कि छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल की तरह उन्हें भी चुनाव लड़ना चाहिए. लेकिन आख़िरकार उनकी अनुपस्थिति में ये फैसला लिया गया कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. सोमवार को हुई CEC की बैठक में देश की कुल 63 सीटों पर चर्चा हुई और लगभग 40 सीटों पर आम सहमति बना ली गई. कहा जा रहा है कि 40 सीटों में से मध्य प्रदेश की 6-7 सीटों पर आम सहमति बनी.
नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की बड़ी मांग थी कि गहलोत और पायलट चुनाव लड़ें, लेकिन कांग्रेस नहीं चाहती कि वे लड़ें क्योंकि दोनों बड़े नेताओं को अपनी-अपनी सीट पर फोकस करने के अलावा अन्य सीटों के उम्मीदवारों को भी जीत दिलाने की जिम्मेदारी होगी.
गहलोत कांग्रेस के शीर्ष ओबीसी नेताओं में से एक हैं और पार्टी को राज्यों, खासकर उत्तर भारत में प्रचार के लिए उनकी जरूरत है. पायलट, जो छत्तीसगढ़ के प्रभारी और सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस कार्य समिति) के सदस्य हैं, पार्टी का एक प्रमुख युवा चेहरा हैं और उन्हें पहले ही प्रचार के लिए विभिन्न राज्यों में भेजा जा चुका है.
कांग्रेस के दो नेताओं ने कहा कि गहलोत के बेटे के जालोर से चुनाव लड़ने की संभावना है, न कि जोधपुर से, जिसे पूर्व सीएम का गढ़ माना जाता है. इससे पहले वैभव ने 2019 में जोधपुर से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे. नेताओं ने संकेत दिया कि पार्टी की चुनावी रणनीति के तहत, गहलोत जोधपुर, नागौर, बीकानेर और पाली जिलों में चुनाव प्रबंधन के प्रभारी होंगे, जबकि पायलट दौसा, टोंक और धौलपुर को संभालेंगे. राज्य इकाई के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा को सीकर और जयपुर जिलों की जिम्मेदारी दी जानी तय है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को उदयपुर, राजसमंद और भीलवाड़ा जिले सौंपे गए हैं.
कांग्रेस पार्टी ने अपनी पहली सूची में लोकसभा चुनाव के लिए अब तक 39 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं, जिसमें केरल के वायनाड से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हैं. 8 मार्च को, कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए आठ राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश को कवर करते हुए अपनी पहली सूची की घोषणा की. राहुल गांधी के अलावा, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनांदगांव से, मौजूदा सांसद शशि थरूर तिरुवनंतपुरम से और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल अलाप्पुझा से चुनाव लड़ेंगे.