menu-icon
India Daily

Lok Sabha Elections 2024: 2024 लोकसभा चुनाव के 10 हैवीवेट चेहरे, कोई दिलाएगा फायदा तो कोई बिगाड़ेगा दूसरे का खेल

Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 में देश में 10 बड़े नेता ऐसे हैं, जो चुनाव को प्रभावित करेंगे. ये नेता अपनी पार्टी को लाभ पहुंचाने का काम करेंगे या फिर किसी दूसरे दल को नुकसान पहुंचाने का काम करेंगे. इस चुनाव में इन ये चेहरों का अलग- अलग राज्यों में प्रभाव है.

auth-image
Edited By: India Daily Live
 Lok Sabha Elections 2024, 10 big face in india politics,  pm modi, owaisi, nitish kumar, sharad paw

Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए निर्वाचन आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. देश में 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में चुनाव संपन्न होगा और 4 जून को परिणाम आएंगे. इसके साथ ही राजनीतिक दलों ने भी जोर लगाना शुरू कर दिया है. वहीं पीएंम मोदी के नेतृत्व में एनडीए 400 प्लस का टारगेट लेकर चल रही है. वहीं विपक्षी दलों का INDIA गठबंधन भारतीय जनता पार्टी के विजय रथ को रोकने के लिए ताकत झोंकता हुआ दिख रहा है.

2024 का लोकसभा चुनाव कई मायनों में रोचक होने वाला है, क्योंकि पीएम मोदी तीसरी बार वारीणसी से चुनाव लड़ेंगे. इस चुनाव में देश और अलग- अलग राज्यों में कई चेहरे हैवीवेट हैं जो चुनाव प्रचार कर अपनी पार्टी के पक्ष में जन समर्थन जुटाने का काम करेंगे, वहीं कुछ चेहरे ऐसे भी हैं, जो किसी पार्टी का खेल बिगाड़ने का काम करेंगे. आज हम आपको दस ऐसे ही चेहरों के बारे में बता रहे हैं.   

पीएम नरेंद्र मोदी 

पीएम नरेंद्र मोदी इस चुनाव में सबसे बड़े नेता और सबसे बड़े चेहरे हैं. जिनके फेस पर बीजेपी लोकसभा का तीसरा चुनाव लड़ रही है. पीएम मोदी खुद तीसरी बार वाराणसी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. मोदी बीजेपी के रणनीतिकार होने के साथ ही स्टार प्रचारक भी हैं. मोदी लहर में देश भर से ऐसे लोग बीजेपी से सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे हैं, जिनकी राजनीतिक क्षमता बहुत ही कम थी. 2024 के चुनाव में मोदी राष्ट्रवाद का ब्रांड, मोदी की गारंटी और विकसित भारत के मुद्दे पर अपनी पार्टी बीजेपी को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. मोदी का मैजिक इस बार कितना चलता है देखना होगा.  

अमित शाह

मोदी सरकार में 'नंबर 2' और बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह इस बार बीजेपी की बड़ी जीत के लिए आश्वस्त नजर आ रहे हैं. दूसरी बार मोदी सरकार गृह मंत्री बनकर अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, CAA,और अंग्रेजों के जमाने के कानूनों को बदलने का काम किया है. अमित शाह एक बार फिर चुनावी कमान संभाल रहे हैं. अमित शाह एक बार फिर गुजरात की गांधीनगर सीट से मैदान में हैं. वह बीजेपी के स्टार प्रचारकों में एक हैं. उनके प्रचार का असर बीजेपी के पक्ष में देखने को मिलता है. 

राहुल गांधी

कांग्रेस नेता और भारत जोड़ो यात्रा निकालकर देश में बीजेपी को कड़ा संदेश देने वाले राहुल गांधी 2024 के चुनाव के लिए सक्रिय विपक्ष की भूमिका में हैं. इंडिया गठबंधन के जरिए विपक्षी दलों को एक करने का काम कर रहे हैं. राहुल केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. राहुल गांधी आज भी कांग्रेस के बड़े नेता हैं और पार्टी में उनको लोकप्रियता है. वह कांग्रेस के स्टार प्रचारक होंगे. साथ ही पार्टी का फेस भी. उनके प्रचार से कांग्रेस पार्ची को फायदा मिल सकता है. अभी राहुल गांधी न्याय यात्रा कर रहे हैं. 

मल्लिकार्जुन खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक से सांसद हैं. 81 वर्षीय खड़गे को इस चुनाव में कांग्रेस का नेतृत्व करते हुए सबसे कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ रहा है. चुनाव में वह स्टार प्रचारक की भूमिका में होंगे. इस चुनाव में पार्टी के सामने अस्तित्व का सवाल है और यह चुनाव खड़गे के लिए भी किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. 

ममता बनर्जी 

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. इसके बाद कांग्रेस को राज्य झटका लगा है. ममता बनर्जी ने ओडीसा में भी अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं इसके चलते कांग्रेस को यहां भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इससे भी बड़ी बात यह है कि ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश में अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया है. अगर ऐसा होता है तो ममता यहां समाजवादी पार्टीस और कांग्रेस का बड़ा नुकसान करेंगी. थोड़ा बहुत नुकसान बीएसपी का हो सकता है, लेकिन इनसे बीजेपी को फायदा होगा. ममता सपा, बसपा और कांग्रेस के वोटों का बंटवारा कर सकती हैं, लेकिन बीजेपी का परंपरागत वोट पर सेंधमारी न के बराबर कर पाएंगी. वहीं राज्य में बीजेपी का सीधा मुकाबला टीएमसी से होगा.

नीतीश कुमार 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हाल ही में पााल बदलकर एनडीए में शामिल हुए हैं. 73 वर्षीय नीतीश कुमार के बीजेपी में जाने से  INDIA ब्लॉक के लिए एक बड़ा झटका लगा है. इसके चलते बिहार में नाटकीय रूप से स्थिति बदल गई है.  बीजेपी के साथ चुनाव लड़कर नीतीश खुद को लाभ में देख रहे हैं, लेकिन चुनावी नतीजे ही बताएंगे कि इनका कितना लाभ और नुकसीन हो रहा है, लेकिन नीतीश कमार बिहार में पाला बदलने के साथ ही चुनावी रुख को भी बदल सकते हैं. 

शरद पवार

महाराष्ट्र की राजनीति में चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार की पार्टी दो गुटों में बंट है. इसके बाद पवार पहला लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. भतीजे अजित पवार से धोखा खाने वाले 83 वर्षीय मराठा कद्दावर नेता शरद पवार अपने करियर के आखिरी पड़ाव में कठिन लड़ाई लड़ रहे हैं. पवार के सामने अपने गुट के ज्यादा से ज्यादा सांसदों को जितवा कर खुद को साबित करने और पार्टी के अस्तित्व को बचाए रखने की चुनौती है. महाविकास अघाड़ी के साथ कोई बड़ा कमाल भी वह दिखा सकते हैं.

एमके स्टालिन 

द्रमुक सुप्रीमो एमके स्टालिन ने तमिलनाडु में बीजेपी को पैर नहीं जमाने दिया. इस बार बीजेपी यहां पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही है. मोदी जहां स्टालिन पर परिवारवाद को लेकर हमला करते हैं वहीं स्टालिन उनको एक धर्म के लिए बताकर खारिज करते हैं. स्टालिन भी गांधी परिवार के कट्टर समर्थक हैं, लेकिन उनकी पार्टी के नेताओं की 'सनातन धर्म' पर विवादास्पद टिप्पणियों ने कई मौकों पर INDIA गठबंधन को बैकफुट पर ला दिया है और उत्तर में उन्हें नुकसान हो सकता है.

तेजस्वी यादव 

बिहार में आरजेडी सुप्रीमो और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी को नीतीश कुमार की पाला बदल राजनीति से हाल ही में बड़ा झटका लगा है. इसके बाद से INDIA गठबंधन में उनका कद बढ़ गया है. बिहार के लोकसभा चुनाव में वह कितना कमाल दिखा पाते हैं यह देखना होगा. इस बार के लोकसभा चुनाव में वह एनडीए के गणित को बिगाड़ पाएंगे या नहीं, इसका परीक्षण लोकसभा चुनाव में होगा. 

असदुद्दीन ओवैसी 

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इस बार यूपी और बिहार की कई सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. ओवैसी ने इस बात का ऐलान कर दिया है. ओवैसी इन दोनों राज्यों में कितनी सीटें जीतेंगे यह कोई नहीं बता सकता, लेकिन यह बात हर कोई जानता है कि ओवैसी यूपी में सपा, कांग्रेस और बसपा को नुकसान पहुंचाएंगे, जिसका फायदा बीजेपी को होगा. वहीं बिहार में राजद और कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएंगे. इसका फायदा भी बीजेपी को मिलेगा. ओवैसी हर जगह मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनाव लड़तें हैं.