Lok Sabha Election Result: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे लगभग साफ हो गए हैं. पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सरकार बनाने की बात कर दी है. हालांकि, इस चुनाव में NDA को तो बहुमत मिला लेकिन BJP बहुमत के आंकड़े से काफी पीछे रहे गई. उसे महज 240 सीटें मिल पाई हैं. ऐसे में सहयोगियों की भूमिका काफी बड़ी हो गई है. भाजपा के दो बड़े सहयोगी चंद्रबाबू नायडू की TDP और नीतीश कुमार की JDU खास शर्तों वाले रहे हैं. ऐसे में अब BJP के सामने इन्हें साधना जरूरी या मजबूरी जैसे हो गए हैं.
चुनाव के रिजल्ट की बात करें तो भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी रहेगी. हालांकि सीटें कम हो गई हैं. BJP को इस चुनाव में 240 सीटें मिल रही है. वहीं कांग्रेस 99 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है. जबकि, तीसरे नंबर पर 37 सीटों के साथ सपा और चौथे नंबर पर TMC ने 29 सीटों के साथ कब्जा कर लिया है. वहीं पांचवें नंबर पर 22 सीटों के साथ DMK है. टॉप की 5 पार्टियों में 4 पार्टियां इंडिया गठबंधन के साथ हैं.
आंध्र प्रदेश की 25 में से 16 सीटें हासिल करके TDP किंग मेकर बन गई है. वहीं बीजेपी ने प्रदेश में तीन सीटें ही जीत पाई है. एक अन्य सहयोगी जनसेना पार्टी के पास 2 सीटें आई हैं. बाकी के सीटों पर YSR कांग्रेस ने किया है. सबसे बड़ी और खास बात की यहां के विधानसभा चुनाव में 148 सीटों के साथ TDP को पूर्ण बहुमत मिला है. ऐसे में उसके पास डबल पावर आ गई है.
बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 15 पर चुनाव लड़कर JDU ने 12 पर जीत हासिल की है. वहीं भाजपा ने भी 12 सीटें जीती है. चिराग पासवान की पार्टी ने 5 सीटों पर चुनाव लड़ सभी 5 सीटों को हासिल कर लिया है. यहां से RJD ने 4 और कांग्रेस ने 3 सीटों पर विजय हासिल की है. CPIMLL ने 2 सीटें पर कब्जा किया है. इसके अलावा एक सीट पूर्णिया निर्दलीय प्रत्याशी ने जीती है और एक सीट पर हिंदुस्तान आवाम मोर्चा ने परचम लहराया है.
भाजपा के दोनों सहयोगियों ने अपने-अपने राज्य में बेहतर प्रदर्शन किया है और दोनों ही दल भाजपा के परमानेंट साथी नहीं रहे हैं. सबसे बड़ी बात की ये NDA के सबसे बड़े साथी हैं और सरकार बनाने में इन्हीं का हाथ होगा. NDA की 293 सीटों में से 28 सीटें इनके पास है और अगर ये किसी भी कारण से गठबंधन से अलग होते हैं तो सरकार बहुमत से 10 सीटें पीछे हो जाएगी. इस कारण इन दोनों दलों को साधना BJP की मजबूरी और जरूरी भी है.
अगर नीतीश कुमार की बात करें तो उनका पाला बदलने का पुराना रिकॉर्ड रहा है. उनकी पार्टी से राज्य में पहले चुनाव कराने की मांग भी उठती रही है. साथ ही नीतीश कुमार खुद हमेशा प्रदेश के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग करते रहे हैं. ऐसे में इस बात की आशंका बनी रहेगी की वो कभी भी नाराज हो सकते हैं.
वहीं आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू भी प्रदेश के लिए स्पेशल स्टेटस मांगते रहे हैं. उनका गठबंधन चुनाव से ठीक पहले हुआ है. अब उनके साथ सबसे बड़ी बात ये है कि वो राज्य में पूर्ण बहुमत के साथ आए हैं. ऐसे में उनके दोनों हाथों में मिठाई है. उनकी मांग जहां से पूरी होगी वो वहां जा सकते हैं. क्योंकि उनके राज्य की सरकार तो हर हाल में सुरक्षित हैं.