Lok Sabha Election 2024: साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी बिसात बिछनी शुरू हो गई है. इस बीच INDIA गठबंधन के लिए उत्तर प्रदेश में राह आसान नहीं होने वाली है. इसके पीछे की वजह पर नजर डालें तो बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के बीच बढ़ी दरार है. कांग्रेस इस बात के प्रयास में है कि बसपा (BSP) को INDIA अलायंस में शामिल किया जा सके लेकिन सपा को ये मंजूर नहीं है.
सपा और बसपा के बीच दूरी कांग्रेस के लिए भी बड़ी मुसीबत बन रही है. एक ओर कांग्रेस नेता चाहते हैं कि बसपा INDIA अलायंस में शामिल हो वहीं गठबंधन में शामिल अन्य दल सपा और राष्ट्रीय लोकदल का मानना है कि गठबंधन से बसपा को दूर रखा जाए. वैसे गौर करने वाली बात ये भी है कि ना तो बसपा को INDIA अलायंस में शामिल होने के लिए औपचारिक न्योता दिया गया है और ना ही मायावती ने गठबंधन का हिस्सा बनने के लिए कोई संकेत दिए हैं.
हाल ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा था कि जहां तक विपक्ष के गठबंधन में बीएसपी सहित अन्य जो पार्टियां शामिल नहीं हैं, उनके बारे में टीका टिप्पणी करना उचित नहीं है. क्योंकि भविष्य में कब किसको किसकी जरूरत पड़ जाए इस बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता.
अब ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि आखिर सपा क्यों नहीं चाहती की बसपा गठबंधन का हिस्सा बने. सपा नेता साल 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणामों के हवाले से बसपा की वकालत नहीं करते. उनका कहना है कि बसपा या तो अपने वोट गठबंधन के अन्य सहयोगियों को ट्रांसफर नहीं कराती या करा नहीं पाती. इतना ही नहीं विरोधी इस बात को लेकर भी आरोप लगाते रहे हैं कि बसपा भारतीय जनता पार्टी के करीब है. सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव कई मौकों पर स्पष्ट कर चुके हैं कि अगर बसपा, बीजेपी से दूरी बना ले तो उसे INDIA अलायंस में शामिल करने पर विचार हो सकता है.
उत्तर प्रदेश में बसपा के वोटरों की संख्या अच्छी खासी है. इसके साथ ही मुस्लिम वोटर्स भी अच्छी संख्या में बसपा के साथ हैं. ऐसे में कांग्रेस का मत है कि अलायंस में बसपा का साथ होना चाहिए लेकिन अन्य दलों के रुख इसे लेकर कांग्रेस का साथ नहीं दिख रहा है. देखने वाली बात ये भी है कि अगर यूपी में बसपा अकेले चुनाव लड़ी तो निश्चित रूप से INDIA गठबंधन को नुकसान होना तय है.