Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ शनिवार को दिल्ली पहुंचे. उनके दिल्ली पहुंचने के साथ ही राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट तेज हो गई कि अब कमलनाथ भाजपा में शामिल हो रहे हैं. हालांकि अभी तक इस पर किसी का कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ ने कांग्रेस पार्टी और मध्य प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. यहां सवाल उठता है कि गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाने वाले कमलनाथ आखिर कांग्रेस से बेवफाई पर क्यों उतारू हो गए?
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, कमलनाथ के करीबी सज्जन सिंह वर्मा ने संकेत दिया कि उनके बॉस (कमलनाथ) का अपमान किया गया है. एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है. उन्होंने कहा कि 'राजनीति में तीन चीजें चलती हैं. सम्मान, अपमान और स्वाभिमान. जब इन पर चोट लगती है तो इंसान अपने फैसले बदलता है. उन्होंने कहा कि पिछले 45 साल में कांग्रेस और देश के लिए बहुत कुछ करने वाले कमलनाथ के साथ भी यही हुआ है, जिसके बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस में दरार आई.
हालांकि उन्होंने कहा कि कमलनाथ के पूरी तरह से कांग्रेस छोड़ने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है. कमलनाथ जा रहे हैं, इस बारे में भी अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, सिर्फ अटकलें हैं. सज्जन वर्मा ने एचटी को बताया कि कमलनाथ कांग्रेस में किसी अनजान मुद्दे को लेकर बेहद आहत हैं. इसीलिए वे शीर्ष नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली में हैं.
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान की ओर से मध्य प्रदेश चुनाव में पार्टी की हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद से ही कमलनाथ भाजपा नेताओं के संपर्क में थे. उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया था. राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष तक नहीं बनाया गया था. उधर, राज्यसभा के लिए अशोक सिंह के नाम की घोषणा से भी कमलनाथ नाराज थे. माना जाता है कि अशोक सिंह दिग्विजय सिंह के काफी खास और वफादार हैं.
इसी बीच मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख जीतू पटवारी का बयान सामने आया. उन्होंने कमलनाथ को इंदिरा गांधी का तीसरा बेटा तक कह कर मामले को थोड़ा शांत करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि पहली बार जब कमलनाथ ने चुनाव लड़ा था, तब इंदिरा गांधी ने कहा था कि कमल नाथ उनके तीसरे बेटे हैं. कमलनाथ के 45 साल के राजनीतिक सफर में कई अच्छे और बुरे उतार-चढ़ाव आए.
हर परिस्थिति में मिलकर काम किया. मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कमलनाथ ने 7 वर्षों तक काम किया. पटवारी ने कहा कि मुझे अभी भी याद है जब सिंधिया ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिराई थी, तो सभी कांग्रेस कार्यकर्ता कमल नाथ के नेतृत्व और विचारधारा के साथ खड़े थे. उन्होंने कहा कि जो अटकलें लगाई जा रही हैं, वे निराधार हैं.
उन्होंने ये भी दावा किया है कि कमलनाथ के कांग्रेस छोड़ने की खबरें निराधार हैं. हर कांग्रेस कार्यकर्ता ने दो महीने पहले ही कमल नाथ के नेतृत्व में काम किया है. इसलिए वे कांग्रेस नहीं छोड़ सकते. उधर, दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि उन्होंने शुक्रवार रात को ही कमलनाथ से बात की थी. दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिस व्यक्ति ने अपना राजनीतिक करियर नेहरू-गांधी परिवार से शुरू किया हो उससे आपको इसकी उम्मीद नहीं करनी चाहिए.