लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश की 80 में से 18 सीटों पर बीजेपी और इंडिया गठबंधन दोनों की अग्नि परीक्षा होगी. यूपी की ये 18 ऐसी सीटें हैं, जहां बीजेपी का विरोधी दलों से कड़ा मुकाबला था. इन सीटों में सपा का गढ़ भी शामिल है. बीजेपी 2019 में सपा-बसपा गठबंधन द्वारा छीनी 9 सीटें वापस पाकर सूबे की सभी 80 सीटों पर कब्जा जमाने की कोशिश में है. इस चुनाव में यह देखना है कि इन18 सीटों पर जो दलित वोट बैंक पिछले चुनाव में गठबंधन के साथ था वह इस बार बसपा के लिए क्या करता है.
उत्तर प्रदेश की इन लोकसभा सीटों में आजमगढ़, मुरादाबाद, मैनपुरी, गाजीपुर, जौनपुर, बदायूं, सहारनपुर,लालगंज, संभल, फिरोजाबाद, अंबेडकरनगर, अमरोहा, रामपुर, मछली शहर, बस्ती, कन्नौज और अमेठी और रायबरेली शामिल हैं.
बीजेपी के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए उत्तर प्रदेश में 2019 के आम चुनावों में सपा-बसपा ने गठबंधन कर इनमें 2014 में भाजपा द्वारा जीती 9 सीटों को छीन लिया था. इनमें 9 सीटें लालगंज, संभल, मुरादाबाद, सहारनपुर, अमरोहा, रामपुर, गाजीपुर, अंबेडकरनगर और जौनपुर थीं. सपा की 18 सीटों में से आजमगढ़ और मैनपुरी बरकरार रखते हुए 11 सीटें मिलीं थी. भाजपा का ग्राफ 2019 में खिसक कर 6 सीटों पर अटक गया था. कांग्रेस भी अमेठी सीट हार गई थी औक रायबरेली सीट मुश्किल से जीती थी. भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2014 में 73 सीटें जीती थीं. भाजपा को 72 और अपना दल (एस) को एक सीट मिली थी.
1. सहारनपुर : इस सीट को बसपा के हाजी फजलुखमान ने जीती थी. यहां से इमरान मसूद को टिकट मिलने की चर्चाएं हैं.
2. मुरादाबाद: 2019 में इस सीट को सपा-बसपा गठबंधन ने भाजपा से सीट छीन ली थी. इसका इतिहास बताता है कि यहां सीधी और त्रिकोणीय टक्कर में समीकरण अलग-अलग रहते हैं. सीधी टक्कर में वर्ष 2019 में सपा के एसटी हसन जीते थे.
3. अमरोहा : 2019 में गठबंधन के तहत बसपा से कुंवर दानिश अली ने यह सीट जीती थी. भाजपा ने अमरोहा से कुंवर सिंह तंवर को चुनावी मैदान में उतारा है. यह सीट भी कांग्रेस के पास गई है.
4. संभल: इस सीट पर 2019 में सीधी टक्कर में सपा से हुई थी. यहां सपा के सांसद रहे शफीकुर्रहमान बर्क के पोते जियाउर्रहमान बर्क को मैदान में हैं. भाजपा ने यहां से परमेश्वर लाल को दोबारा टिकट दिया है.
5. जौनपुर: जौनपुर को सपा का गढ़ कहा जाता है. भाजपा ने यहां से कृपा शंकर सिंह को टिकट दिया है. सपा ने अभी प्रत्याशी तय नहीं किया. 2019 में गठबंधन से बसपा के श्याम सिंह यादव को यहां से जीत मिली थी.
6. रामपुर : जेल में बंद सपा के कद्दावर नेता आजम खाम का यहां वर्चस्व रहा है. उपचुनाव में भाजपा ने सपा के मोहम्मद आसिम रजा को हराया था. भाजपा ने उपचुनाव में जीते घनश्याम लोधी को उतारा है.
7. बस्ती : भाजपा के दो बार से सांसद हरीश द्विवेदी को पार्टी ने मैदान में उतारा है. वहीं सपा से राम प्रसाद चौधरी उतरे हैं. यहां भाजपा की परीक्षा हो सकती है.
8. अंबेडकरनगर : इस सीट से भाजपा ने रितेश पांडे को उतारा है. वह बसपा से वर्ष 2019 में गठबंधन प्रत्याशी के रूप में जीते थे. इस बार सपा के कद्दावर कुर्मी नेता लालजी वर्मा मैदान में उतरे हैं.
9. कन्नौज: भाजपा के सुव्रत पाठक ने 2019 में डिंपल यादव को हराया था. इस बार भाजपा ने फिर सुबत पाठक को मैदान में उतार दिया है.
10. आजमगढ़: अखिलेश यादव ने 2019 में जीते, उपचुनाव में भाजपा के दिनेशलाल यादव निरहुआ जीते थे. इस बार भाजपा ने निरहुआ और सपा ने धर्मेंद्र यादव की मैदान में उतारा है.
11. मैनपुरी : इस सीट पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव उपचुनाव में जीती हैं. अब सपा ने यहां से डिंपल यादव को टिकट दिया है.
12. अमेठी-रायबरेली : यहां अभी कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं घोषित किया है. भाजपा ने अमेठी से स्मृति ईरानी को उतारा है. पिछली बार उन्होंने राहुल गांधी को हराया था. वहीं सपा ने शिवपाल सिंह यादव को टिकट दिया है.
13. मछलीशहरः यहां भाजपा के बीपी सरोज बसपा के त्रिभुवन राम से 181 मतों से जीते थे. टी राम अब भाजपा से विधायक हैं. यहां दलितों के साथ ओबीसी वर्ग की अच्छी तादाद है.
14. लालगंज : 2019 में बसपा की संगीता आजाद जीती थीं. वह भाजपा में है. भाजपा ने नीलम सोनकर और सपा ने दरोगा सरोज को टिकट दिया है.
15. गाजीपुर: सपा ने अफजाल अंसारी को मैदान में उतारा है. अफजाल ने बीते चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेता मनोज सिन्हा को हराया था. भाजपा मंथन कर रही है कि किसे टिकट दिया जाए.
16.फिरोजाबाद : 2019 में अक्षय यादव यहां से हार गए और इंद्रसेन जादौन जीते थे. इसकी वजह शिवपाल सिंह यादव थे. शिवपाल इस बार परिवार के साथ हैं और अक्षय मैदान में हैं.
17.बदायूं : सपा ने इस सीट से शिवपाल सिंह यादव को टिकट दिया है. 2019 के चुनाव में संघमित्रा मौर्य यहां पर बीजेपी को हराकर जीती थीं.