menu-icon
India Daily

क्या लोकसभा में नीतीश पर भारी पड़ेगी तेजस्वी की MY-BAAP पॉलिटिक्स, जानें क्या कहता है बिहार का ट्रेंड

MY-BAAP Politics In Bihar: बिहार की सियासत में इन दिनों MY-BAAP पॉलिटिक्स पर बयानबाजी तेज हो चुकी है. MY-BAAP पॉलिटिक्स की एंट्री के बाद हर किसी के जहन में यह सवाल है कि क्या नीतीश कुमार पर तेजस्वी की यह पॉलिटिक्स भारी पड़ेगी? आइए जानते हैं तेजस्वी की इस पॉलिटिक्स का नीतीश कुमार पर कितनी असर पड़ेगा.

auth-image
Edited By: Purushottam Kumar
Tejashvi Nitish

MY-BAAP Politics In Bihar: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इन दिनों जन विश्वास यात्रा निकाल रहे हैं. इस यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव बिहार की जनता के बीच जाकर अपनी उपलब्धियों को गिना रहे हैं. अपनी यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव ने RJD को MY के साथ-साथ BAAP की भी पार्टी बताया है. 

तेजस्वी यादव ने बीते दिनों कहा था कि कुछ लोग हमारी पार्टी को  (MY) की पार्टी बताते है. हम कहते हैं कि RJD माई (MY) के साथ-साथ बाप (BAAP) की भी पार्टी है. तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद बिहार की राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर बयानबाजियां तेज हो चुकी है.

बिहार की सियासत में MY-BAAP पॉलिटिक्स की एंट्री होने के बाद हर किसी के जहन में यह सवाल है कि क्या नीतीश कुमार पर तेजस्वी की यह पॉलिटिक्स भारी पड़ेगी? 

लालू यादव की राह पर तेजस्वी

बीते दिनों तेजस्वी यादव ने सिवान में एक शूटर मो. कैफ उर्फ बंटी से भी मुलाकात की थी. जानकारी के अनुसार यह शूटर शहाबुद्दीन का करीबी रह चुका है. इस शूटर का नाम चर्चित पत्रकार राजदेव रंजन मर्डर केस में सामने आया था. शूटर मो. कैफ उर्फ बंटी से तेजस्वी की इस मुलाकात को लेकर बीजेपी से तेजस्वी पर हमला भी बोला था.

तेजस्वी की इस मुलाकात के बाद अब सवाल है कि क्या MY के साथ साथ BAAP तेजस्वी के साथ रहेंगे. शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो शहाबुद्दीन के आतंक से परिचित न हो. एक समय के लिए अगर यह मान भी लिया जाए कि तेजस्वी यादव को MY का साथ मिल जाए लेकिन इस बात पर संशय है कि खतरनाख शूटर अगर तेजस्वी के साथ आते हैं तो BAAP (बहुजन, अगड़ा, आधी आबादी, पुअर) तो सबसे पहले तेजस्वी से दूर होंगे.

हालिया दल बदल से चुनाव परिणाम पर प्रभाव

बिहार की राजनीति में हाल में ही बड़ा फेरबदल हुआ है जहां नीतीश कुमार आरजेडी का साथ छोड़कर एक बार फिर बीजेपी से साथ आ गए हैं. बीजेपी के साथ जेडीयू के आने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव में बढ़त बना सकते हैं. एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी के बाद हर तरफ इस बात की चर्चा है कि तेजस्वी यादव की किसी भी पॉलिटिक्स के नीतीश कुमार को कोई खास प्रभाव नहीं पड़ने वाला है.

हाल ही में हुए कई सर्वे में भी यही बात निकल कर आ रही है कि नीतीश कुमार के लिए आरजेडी और कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी का साथ फायदेमंद होगा. इतना ही नहीं जहां सीट शेयरिंग पर जेडीयू को कांग्रेस और आरजेडी के साथ ज्यादा सीटों को शेयर करना पड़ता तो वहीं एनडीए में ये सीटें 11-12 से बढ़कर 17 तक पहुंच सकती हैं.

नीतीश कुमार का जातीय समीकरण

बिहार में चाहे विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव हो किसी भी राजनीतिक दल के लिए वहां का जातीय समीकरण साधना बहुत जरूरी माना जाता है. ऐसे में अगर हम नीतीश मंत्रिमंडल को देखें तो इसमें हर जाति को साधने की बात नजर आती है, वहीं तेजस्वी यादव की आरजेडी की बात करें तो भले ही वो दावा MY-BAAP का करें लेकिन इसमें मंडल और कमंडल दोनों को साधने की ताकत कम ही नजर आती है.

हाल ही में हुए जातीय जनगणना के बाद बिहार के उच्च जाति के लोग आरजेडी से थोड़ा खफा नजर आ रहे हैं इसलिए यह कहा जा सकता है कि बिहार में होने वाले चुनाव में जातीय फैक्टर को लेकर नीतीश कुमार को कोई खास नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.

बीजेपी के साथ जेडीयू की एकतरफा जीत

बिहार में लोकसभा चुनावों के पिछले ट्रेंड की अगर हम बात करें तो जेडीयू जब भी बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ती है तो बंपर जीत हासिल करती है. पिछले लोकसभा चुनाव की अगर हम बात करें तो उस दौरान भी नीतीश कुमार बीजेपी के साथ थे और उनकी पार्टी को बंपर जीत मिली थी जबकि आरजेडी को भारी हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि जब 2015 के विधानसभा चुनावों में उसने बीजेपी से गठबंधन तोड़ा तो उसे अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ा था.

MY-BAAP पॉलिटिक्स पर बयानबाजी

तेजस्वी यादव के MY-BAAP पॉलिटिक्स पर बीजेपी के दिग्गज नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि आरजेडी सिर्फ माई (MY) की पार्टी है इसलिए तेजस्वी यादव की यात्रा में बस यही दो समुदाय मौजूद था और BAAP (बहुजन, अगड़ा, आधी आबादी, पुअर) गायब था. वहीं, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने सवाल करते हुए कहा कि क्या  MY-BAAP के आशीर्वाद से पूरा बिहार चलेगा क्या? उन्होंने कहा कि बिहार की जनता मां-बाप है और यह मानना पड़ेगा. जनता मालिक होती है. सिर्फ अपने परिवार के लिए जीने से काम नहीं चलेगा.