Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने 'मोदी का परिवार' नाम से मुहिम शुरू की है. पीएम राजनीति में परिवारवाद का विरोध करते हैं और अपने सभी भाषणों में परिवारवाद पर हमला बोलते हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रा लालू प्रसाद यादव ने एक जनसभा के दौरान पीएम मोदी पर हमलावर अंदाज में कहा था कि उनका कोई परिवार नहीं है इसलिए वो दूसरे के परिवार की समस्या नहीं समझ सकते. इसके बाद पीएम ने कहा था कि देश की 140 करोड़ जनता ही उनका परिवार है. इसके बाद बीजेपी ने 'मोदी का परिवार' मुहिम शुरू की. आज हम अपनी सीरीज में आपको हरियाणा के राजनीतिक दलों में परिवारवाद के बारे में बता रहे हैं.
बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बिरेंद्र सिंह हरियाणा में लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा के सदस्य रहे. उनके नाना सर छोटूराम थे, जो जो हरियाण की राजनीति में बड़ा नाम था. बिरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता जींद के उचाना से विधायक रह चुकी हैं. वहीं बेटे को सांसद बनाने के लिए दोनों ने बड़ी मेहनत की. उनके बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार से सांसद हैं.
कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा हरियाणा में बड़ा नाम है. उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा सांसद हैं लोकसभा के सांसद रह चुके हैं. भूपेंद्र हुड्डा अपने बेटे को राजनीति में स्थापित कर चुके हैं. कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी के लिए राजनीति में जगह बना चुकी हैं. पूर्व सिंचाई मंत्री के. अजय सिंह यादव अपने बेटे चिरंजीव राव को कांग्रेस में स्थापित कर चुके हैं. चिरंजीव राव विधायक भी चुने गए. पूर्व सीएम स्व. भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई राजनीति में हैं और अब अपने दोनों बेटों भव्य और चैतन्य को आगे बढ़ा रहे हैं. कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो गऐ हैं. बेटे भव्य को बीजेपी का टिकट दिलाकर विधायक बनवा दिया है. हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर भी अपनी पत्नी अवंतिका को भी राजनीति में सक्रिय कर रहे हैं.
इनेलो में जमकर परिवारवाद है. ओमप्रकाश चौटाला के बेटे अभय सिंह चौटाला राजनीति में स्थापित हैं और कई बार विधायक बन चुके हैं. अभय सिंह चौटाला अपने बेटे कर्ण और अर्जुन सक्रिय कर रहे हैं, जबकि अजय सिंह चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला राजनीति में स्थापित हो चुके हैं. सीएम के पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह स्वयं चुनाव नहीं जीत पाए लेकिन आज उनके बेटे अमित सिहाग डबवाली से विधायक हैं. कालांवाली विधायक शीशपाल केहरवाला भी राजनीतिक परिवार से हैं. उनके पिता ओमप्रकाश केहरवाला सिरसा लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं जबकि उनके ही परिवार के वरिष्ठ सदस्य मनीराम केहरवाला विधायक और सहकारी बैंक के चेयरमैन रहे थे.
सिरसा से कई बार विधायक और मंत्री रहे लछमन दास अरोड़ा ने अपनी बेटी सुनीता सेतिया को राजनीतिक को अपना उत्तराधिकारी बनाया है. हालांकि वो चुनाव नहीं पाईं. अब सुनीता के बेटे और लछमन दास अरोड़ा के नाती गोकुल सेतिया सक्रिय राजनीति में हैं. चौ. देवीलाल के बेटे ओम प्रकाश चौटाला कई बार हरियाणा के सीएम रहे. उनके एक और बेटे रणजीत सिंह हरियाणा में बिजली मंत्री रहे.
एक बेटे प्रताप चौटाला भी विधायक बने लेकिन आज इस दुनिया में नहीं हैं. फरीदाबाद से बड़े नेता भड़ाना भी अपने पुत्र को राजनीति में स्थापित कर रहे हैं. जगाधरी से विधायक और हरियाणा में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर अपने बेटे निश्चल चौधरी और भाई को राजनीति में सक्रिय कर रहे हैं.