Lok sabha election 2024: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर पेंच फंसा हुआ है. यूपी में गठबंधन का तीसरा साथी राष्ट्रीय लोक दल यानी RLD भी इस घटनाक्रम से परेशान दिख रहा है. ऐसा इसलिए कि आरएलडी के नेताओं को ये जानकारी ही नहीं है कि आखिर उनके हिस्से में कौन-कौन सी सीटें आएंगी. पार्टी के नेताओं का कहना है कि अगले दो से तीन महीने में चुनाव होने हैं, ऐसे में पार्टी के नेता किस सीट पर अपनी तैयारी को अंतिम रूप दें, इसे लेकर असमंजस की स्थिति है.
हालांकि, 19 जनवरी को समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल ने सीटों के बंटवारे पर समझौता किया था, जिसमें जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली पार्टी को सात सीटें मिलीं थीं. फिलहाल, आरएलडी ने सीट बंटवारे पर टिप्पणी करने से परहेज किया है, लेकिन RLD नेताओं ने कहा है कि अगर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत विफल हो जाती है, तो वो अखिलेश यादव का पक्ष लेंगे.
रालोद के एक सीनियर नेता ने कहा कि कांग्रेस और एसपी के बीच कुछ भी हो, हम समाजवादी पार्टी के साथ अपना गठबंधन जारी रखेंगे. नेता ने कहा कि राज्य में कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है, इसलिए ऐसे में कांग्रेस के साथ जाना फायदेमंद नहीं होगा. नेता ने ये भी कहा कि जयंत चौधरी और अखिलेश यादव ने ये बताने से इनकार किया है कि रालोद को कौन-कौन सी सीटें मिलेंगी. ऐसे में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने असमंजस की स्थिति है. खासकर उन नेताओं में जो चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर चुके हैं.
राष्ट्रीय लोक दल के एक और नेता ने कहा कि कुछ लोकसभा सीटों पर सहमति बनी है. हमें यकीन है कि रालोद के खाते में बागपत और मथुरा लोकसभा सीट आएगी. लेकिन मेरठ, मुजफ्फरनगर, नगीना, आगरा और हाथरस जैसी सीटों के लिए कोई निश्चितता नहीं है. इसलिए, वहां के उम्मीदवार इस बारे में निश्चित नहीं हैं कि उन्हें अपने विकल्प खुले रखने चाहिए या नहीं. वहीं, रालोद के राष्ट्रीय महासचिव अनुपम मिश्रा ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता सभी सीटों पर जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें चाहे कोई भी सीट मिले, हम जमीन पर तैयारी कर रहे हैं, जो हमारे लिए मायने रखता है.
सीटों के बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है. इसी सप्ताह कांग्रेस ने कहा था कि समाजवादी पार्टी की ओर से 16 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा से हमें आश्चर्य हुआ, क्योंकि इन 16 सीटों में से कुछ सीटें ऐसी थीं, जिनपर हमारी पार्टी के नेता पूरी तैयारी कर चुके हैं. इसके अलावा, सपा ने ये भी घोषणा की है कि कांग्रेस के लिए राज्य में मात्र 11 सीटें छोड़ी जाएंगी. उधर, कांग्रेस का कहना है कि सीटों के बंटवारे को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि कांग्रेस अन्य विकल्पों पर विचार कर सकती है. उन्होंने कहा था कि सभी को पता होना चाहिए कि कांग्रेस विनम्र रह सकती है, सहयोग कर सकती है, लेकिन लाचार नहीं है.
इस बीच, समाजवादी पार्टी ने रालोद कार्यकर्ताओं में नाराजगी की बात को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि रालोद किन सीटों पर चुनाव लड़ेगा, इसे अंतिम रूप देने के लिए पर्याप्त समय है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि रालोद अपने उम्मीदवार तय कर रहा है और जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचेगा. समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद से राज्य में सहयोगी रहे हैं.