Lok Sabha Election 2024: संदेशखाली की पीड़िता रेखा पात्र को बीजेपी ने बनाया उम्मीदवार, बशीरहाट सीट से लड़ेंगी चुनाव
Lok Sabha Election 2024: पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने टीएमसी को शिकस्त देने के लिए एक नई चाल चली है.बशीरहाट सीट से संदेशखाली की पीड़ता को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया है.
Lok Sabha Election 2024: पश्चिम बंगाल की बसीरहाट लोकसभा सीट से बीजेपी ने संदेशखाली की पीड़िता रेखा पात्र को उम्मीदवार बनाया है. रेखा ने सबसे पहले संदेशखाली की महिलाओं की आवाज को बुलंद किया था. वह संदेशखाली कांड के मास्टरमाइंड और निलंबित तृणमूल नेता शाहजहां शेख और उसके गुर्गों की पीड़िता हैं.
तीनों आरोपित शाहजहां शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार सलाखों के पीछे हैं. बता दें कि बशीरहाट क्षेत्र के अंतर्गत ही संदेशखाली आता है. वहीं टीएमसी ने इस बार बशीरहाट सीट पर नुसरत जहां का टिकट काटकर हाजी नुरुल इस्लाम को चुनावी मैदान में उतारा है.
रेखा पात्र को उम्मीदवार बनाने का किया था अनुरोध
संदेशखाली में बवाल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब यहां पीड़िताओं से मिलने के लिए गए थे तब उनकी मुलाकात रेखा पात्र से हुई थी. बारासात में सभा के बाद पीएम ने संदेशखाली की पांच महिलाओं से मुलाकात की थी. संदेशखाली के लोगों ने भी नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी से पात्र को उम्मीदवार बनाने का अनुरोध किया था, जिसे उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाया था.
खुद पीएम ने रेखा ने नाम पर लगाई मुहर
भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खुद प्रधानमंत्री ने रेखा पात्र के नाम पर मुहर लगाई है. रेखा पात्र की शिकायत पर ही संदेशखाली के आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था.
पीड़ित मां-बहनों के साथ खड़ी होना चाहती हूं : रेखा पात्र
संदेशखाली बीजेपी प्रत्याशी बनने के बाद रेखा ने कहा कि वह संदेशखाली की पीड़ित मां-बहनों के साथ खड़ी होना चाहती हैं. रेखा को उम्मीदवार बनाए जाने से संदेशखाली में खुशी का माहौल है. महिलाओं में भरोसा बढ़ा है.
संदेशखाली क्यों सुर्खियों में आया?
संदेशखाली में वहां की महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने और उसके गुर्गों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसके बाद संदेशखाली सुर्खियों में आ गया. इस मुद्दे पर राजनीति बढ़ी तो देश में चर्चा का विषय बन गया.
इसके बाद संदेशखाली में धारा 144 लगाकर विपक्ष के नेताओं को वहां जाने से रोका गया. हालांकि बीजेपी के नेताओं ने बंगाल से लेकर दिल्ली तक इस मामले को उठाया और ममता सरकार पर दबाव बनाया कि संदेशखाली के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो.