Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी (SP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ अपना गठबंधन बचाते हुए सीट शेयरिंग फॉर्मूले को लागू कर दिया है. कई सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान भी हो चुका है, लेकिन कांग्रेस की परेशानी अभी कम नहीं हुई है. पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में कांग्रेस को गठबंधन के हिसाब से सीटें हासिल करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उधर, आम चुनाव में अब बस कुछ ही महीने दूर हैं.
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को तृणमूल कांग्रेस का साथ पाने में कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. सीट बंटवारे पर कांग्रेस के साथ बातचीत नहीं बनने के बाद टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. सूत्रों के मुताबिक बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने करीब 10 सीटों के लिए टीएमसी से सौदेबाजी की है, लेकिन तृणमूल ने सिर्फ दो सीट देने की बात की है.
इसी बीच कांग्रेस और टीएमसी के बीच लगातार बयानबाजियों का दौर भी जारी है. पूर्व में अधीर रंजन चौधरी के तृणमूल प्रमुख के लिए 'अवसरवादी' शब्द का इस्तेमाल किया था. उधर ममता बनर्जी ने पिछले महीने कहा था कि कांग्रेस ने उनके सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया है. इसलिए हमने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
तब से कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ममता बनर्जी को वापस INDIA गठबंधन में लाने की कोशिश कर रहा है. लिहाजा दोनों पार्टियों के बीच अभी तक सीटों को लेकर कोई भी सहमति नहीं बन पाई है. अधीर रंजन चौधरी लगातार टीएमसी पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहिए या नहीं, इस पर पार्टी में मतभेद हैं. वे दुविधा में हैं.
उन्होंने कहा था कि पहली दुविधा यह है, पार्टी का एक वर्ग मानता है कि अगर वे INDIA गठबंधन के बिना अकेले चुनाव लड़ते हैं, तो बंगाल के अल्पसंख्यकों को नुकसान होगा. उनके खिलाफ वोट होगा. इसलिए गठबंधन जारी रहे. दूसरा वर्ग दुविधा में है कि अगर गठबंधन को बंगाल में ज्यादा महत्व दिया गया, तो मोदी सरकार उनके खिलाफ ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल करेगी. इन दोनों दुविधाओं को लेकर उन्होंने दावा किया कि टीएमसी कोई स्पष्ट फैसला नहीं ले पा रही है.
महाराष्ट्र में भी INDIA ब्लॉक ने अभी तक सीट-बंटवारे की को लेकर कोई बी घोषणा नहीं की है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस, शिवसेना (बालासाहेब उद्धव ठाकरे) और एनसीपी के शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट महा विकास अघाड़ी के बीच चर्चा अंतिम चरण में है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गतिरोध पर ठाकरे से बात की है. कांग्रेस मुंबई की छह लोकसभा सीटों में से तीन (मुंबई दक्षिण मध्य, मुंबई उत्तर मध्य और मुंबई उत्तर पश्चिम) पर चुनाव लड़ना चाहती है.
वहीं ठाकरे कथित तौर पर राज्य में 18 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, जिनमें मुंबई की चार सीटें भी शामिल हैं. दोनों नेताओं ने गतिरोध से निकलने का रास्ता तलाशने के लिए करीब एक घंटे तक बातचीत की. उधर, महाराष्ट्र में तीन वरिष्ठ नेताओं मिलिंद देवड़ा, अशोक चव्हाण और बाबा सिद्दीकी के बाहर होने से भी कांग्रेस को भी झटका लगा है.
राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि गठबंधन में कोई असहमति नहीं बनी है. उन्होंने कहा कि एमवीए आगामी चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करेगा. एमवीए सहयोगियों के बीच सीट शेयरिंग के मुद्दे पर कोई असहमति या विवाद नहीं है. यह सत्तारूढ़ महायुति है जो कॉर्डिनेशन की कमी के कारण उथल-पुथल की स्थिति में है. नाना पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र के लोग आने वाले चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगियों को उनकी जगह दिखाएंगे.
महाराष्ट्र में INDIA ब्लॉक के लिए एक बड़ी चुनौती यह है कि दो मुख्य पार्टियां, शिवसेना और एनसीपी टूट चुकी हैं. उनके नेता उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न खो दिए हैं. इसके बाद एक बड़ा काम मतदाताओं के बीच नए नाम और नए चुनाव चिह्न के बारे में जागरूकता फैलाना भी होगा, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि खासकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के लोग उनके पक्ष में वोट कर सकें.