Lok Sabha Election 2024: केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की 'अग्निपथ' सैन्य भर्ती योजना को लेकर विपक्षी कांग्रेस ने निशाना साधा है. सोमवार को कांग्रेस ने आरोप लगाया कि युवाओं के साथ घोर अन्याय किया गया है. साथ ही कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आई तो पुरानी भर्ती योजना को फिर से लागू करेगी और अग्निपथ योजना को खत्म कर देगी.
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा, इसमें उन्होंने लिखा कि अग्निपथ योजना के कारण सशस्त्र बलों में नियमित रोजगार की इच्छा रखने वाले युवाओं के साथ हुए अन्याय हुआ है. पत्र के माध्यम से युवाओं के लिए न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.
भारतीय सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति को मल्लिकार्जुन खड़गे ने लिखे पत्र में कहा है कि सशस्त्र बलों में नियमित भर्ती प्रक्रिया को खत्म करने के कारण करीब दो लाख युवा लड़के-लड़कियों का भविष्य अनिश्चित हो गया है. यहां एआईसीसी मुख्यालय में एक प्रेसमीट को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने कहा कि ऐसी किसी योजना की कोई मांग नहीं थी.
सचिन पायलट ने कहा कि लंबे समय में इस योजना से भारत सरकार के लिए कुछ पैसे बचाने के अलावा किसी को कोई फायदा नहीं होगा. कांग्रेस पार्टी में हम महसूस करते हैं कि हमें पुरानी भर्ती प्रक्रिया पर वापस जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने के लिए कुछ बदलाव किए जाने हैं, तो मौजूदा व्यवस्था में यह बहुत संभव है, लेकिन पुरानी व्यवस्था को पूरी तरह खत्म करना सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह रोजगार के रास्ते बंद कर रहा है. मुझे लगता है कि यह फैसला भविष्य की संभावनाओं के बारे में ज्यादा सोचे बिना कि सेना कैसे काम करेगी, को नजरअंदाज करके लिया गया है. उन्होंने कहा, हम कांग्रेस पार्टी में मानते हैं कि अग्निपथ कोई सकारात्मक विकास नहीं है. जब लोग हमें वोट देंगे तो हम निश्चित रूप से पुरानी भर्ती प्रणाली पर वापस लौटेंगे. उधर, कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने भी भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला. आश्चर्य जताया कि ऐसी योजना का आह्वान किसने किया था? हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस इस योजना को वापस लेने और पुरानी भर्ती प्रक्रिया को वापस लाने की मांग करती है.
जून 2022 में केंद्र सरकार ने तीनों सेवाओं की एज प्रोफाइल को कम करने के उद्देश्य से सशस्त्र बलों में कर्मचारियों को कम समय के लिए शामिल करने के लिए "अग्निपथ" भर्ती योजना शुरू की थी. यह योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को चार साल के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और उससे ज्यादा वर्षों के लिए सेना में शामिल करने का प्रावधान है.