Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए का कुनबा बढ़ता जा रहा है. पहले नीतीश कुमार की जदयू, फिर जयंत चौधरी की आरएलडी और अब एक बड़ी पार्टी एनडीए में शामिल होने के लिए तैयार है. हालांकि ये पार्टी 15 साल पहले एनडीए का ही हिस्सा थी, लेकिन कुछ विवादों के कारणों अलग हो गई थी. तो जानते हैं कि वो कौन सी पार्टी है जो 15 साल बाद फिर से साथ आने वाली है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीजू जनता दल के अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हैं. सूत्रों ने बुधवार को कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के 15 साल बाद उनकी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में फिर से शामिल होने के लिए तैयार है. सूत्रों ने ये भी कहा है कि बातचीत अहम पड़ाव पर है. जल्द ही औपचारिक घोषणा होने की उम्मीद है.
मुख्यमंत्री पटनायक ने गठबंधन के पहलुओं पर चर्चा के लिए बुधवार शाम को भुवनेश्वर में अपने आवास पर बीजद के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में चर्चा की है. संभावित गठबंधन को लेकर भाजपा नेतृत्व ने नई दिल्ली में ओडिशा के पार्टी नेताओं के साथ भी बैठक की है.
नई दिल्ली में बैठक में शामिल हुए वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने कहा है कि उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व को ओडिशा की सभी 147 विधानसभा सीटों और 21 लोकसभा सीटों के राजनीतिक घटनाक्रम से रूबरू कराया है. ओराम ने मीडिया को बताया है कि भाजपा एक राजनीतिक दल है, इसलिए अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व का होगा. केंद्रीय नेतृत्व जो भी फैसला लेगा, वह सभी के लिए मान्य होगा. दिल्ली बैठक में गठबंधन के बारे में चर्चा हुई है.
मुख्यमंत्री आवास पर बैठक के बाद बीजद उपाध्यक्ष देबी प्रसाद मिश्रा ने एक बयान में कहा है कि बीजद अध्यक्ष के नेतृत्व में आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर चर्चा हुई है. निर्णय लिया गया कि चूंकि 2036 तक ओडिशा राज्य बनने के 100 साल पूरे कर लेगा और बीजद व सीएम को इस समय तक प्रमुख मील के पत्थर हासिल करने हैं. इसलिए बीजू जनता दल ओडिशा के लोगों के हित में सब कुछ करेगा.
रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा और बीजद दोनों के सूत्रों ने कहा कि सीटों के बंटवारे को भी अंतिम रूप दे दिया गया है. भाजपा के लोकसभा में ज्यादा सीटों पर लड़ने की संभावना है, जबकि विधानसभा चुनाव में बीजद कुल 147 सीटों में से 100 के आसपास सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
बीजद और भाजपा साल 1998 से 2009 तक करीब 11 वर्षों गठबंधन में रहे. दोनों पार्टियों ने साल 2000 में पहली बार ओडिशा में एक साथ विधानसभा चुनाव लड़ा. हालांकि साल 2009 के चुनावों से ठीक पहले बीजडी ने गठबंधन से नाता तोड़ लिया. कहा जाता है कि अगस्त 2008 में कंधमाल जिले में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद दोनों पार्टियों में खटास आ गई थी.